नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( NTA ) ने नीट परीक्षा में गड़बड़ी की जांच का जिम्मा अपनी ही गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन को सौंपा है। हाल ही में एनटीए ने प्रदीप कुमार जोशी को जांच पैनल का अध्यक्ष बनाया है। इससे पहले, शनिवार यानी 8 जून को शिक्षा सचिव संजय मूर्ति व एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन की अध्यक्षता में जांच का ऐलान किया था।
सबसे बड़ा सवाल
जानकारी के मुताबिक जोशी यूपीएससी के चेयरमैन भी रह चुके हैं, लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है कि किसी भी संस्था का मुखिया ही अपनी संस्थान की खामी की जांच के लिए बनी समिति का अध्यक्ष कैसे हो सकता है।
इस बारे में पूछे जाने पर शिक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष पदाधिकारी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि जोशी बेशक एनटीए गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन हैं, लेकिन प्रख्यात शिक्षाविद और प्रतियोगी परीक्षा के विशेषज्ञ हैं। ऐसे में उनका चयन उचित है। हालांकि कमेटी के बाकी तीन सदस्य एनटीए के बाहर से हैं।
क्या है जिम्मेदारी
कमेटी को जांच के बाद बताना है कि इन 1 हजार 563 छात्रों की फिर से परीक्षा ली जाए या नए फॉर्मूले के आधार पर उन्हें फिर से अंक दिए जाएं और रिवाइज रिजल्ट जारी हो। कोई भी फैसला कमेटी की सिफारिशों की आधार पर लिया जाएगा। इसी के साथ कमेटी को 7 दिन का समय ही दिया गया है। हालांकि शिक्षा मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि कमेटी मंगलवार रात तक नीट परीक्षा के मामले में अपनी सिफारिश दे सकती है।
छात्रों की दाखिल याचिका पर सुनवाई
बुधवार यानी 12 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court ) में नीट-2024 में शामिल हुए छात्रों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई होने वाली है। एनटीए चाहता है कि बुधवार हाईकोर्ट में दाखिल होने वाले हलफनामे में बताए कि छात्रों की ओर से आई सभी शिकायतों का समाधान कर दिया गया है।
गड़बड़ी को लेकर देशभर में प्रदर्शन
नीट यूजी ( neet ug ) में हुई गड़बड़ी को लेकर दिल्ली, भोपाल, वाराणसी समेत देशभर में हजारों छात्र-छात्राओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। छात्रों का कहना है कि नीट यूजी परीक्षा को निरस्त किया जाए। उधर, दिल्ली में एसएफआई ने 10 जून को सुबह 10 बजे बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान भी किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( एबीवीपी ) ने इस मामले की जांच सीबीआई ( CBI ) से करवाने की मांग की है।
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