NEW DELHI. ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेलवे हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसमें मामले की जांच एक एक्सपर्ट पैनल से कराने की मांग के साथ यह भी मांग की गई है कि इस पैनल के प्रमुख रिटायर्ड जज को बनाया जाए। इसके अलावा याचिका में कवच (ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम) के बारे में दिशा-निर्देश जारी करने की मांग रखी गई है।
288 मौतें लेकिन जिम्मेदार कौन
आपको बता दें कि बालासोर में तीन ट्रेनें हादसे का शिकार हो गई थी। इस हादसे में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। इसके अलावा बड़ी तादाद में लोग घायल हुए हैं। हादसे की जांच में मानवीय गलती होने की बात सामने आई है, लेकिन अब तक गलती किसकी थी इस बारे में कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है। 3 जून को पीएम मोदी ने भी घटनास्थल का जायजा लेकर कहा था कि इस मामले में दोषियों का बख्शा नहीं जाएगा।
हादसे का बाद सुधारी जा रही पटरियां
ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे के बाद बुलडोजर और क्रेन की मदद से रातभर में अधिकतर क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटा दिया गया। साथ ही पटरियों की मरम्मत का काम भी तेज गति से जारी है, ताकि पूर्वी एवं दक्षिणी भारत को जोड़ने वाली मुख्य ट्रंक लाइन पर रेल सेवा बहाल की जा सके। रेलवे अधिकारियों ने रविवार (4 जून) को जानकारी साझा करते हुए बताया कि हादसे के दौरान टूटी इलेक्ट्रिक लाइन और पटरियों की मरम्मत का काम भी जारी है। केंद्रीय मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और धर्मेंद्र प्रधान ने एक बार फिर रविवार (4 जून) को घटनास्थल का दौरा किया था।
लोगों की सुविधा के लिए चलाई जाएगी विशेष ट्रेन
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मरम्मत का काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है। सिंगल लाइन पटरी का काम, सिग्नल प्रणाली का काम लगभग पूरा हो चुका है। एक पटरी के ऊपर बिजली की तारों की मरम्मत का काम जारी है। इसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। प्रधान ने कहा कि बचाव काम जारी है।हम प्रभावित लोगों को उनके घर भेजने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हादसे वाली जगह को साफ किया जा रहा है। 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस के मार्ग पर एक विशेष ट्रेन चेन्नई तक चलाई जाएगी और यह कटक, भुवनेश्वर एवं उन सभी स्थानों पर रुकेगी जहां 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस को रुकना था। उन्होंने कहा कि रेल दुर्घटना के कारण फंसे यात्री और उनके परिजन इस ट्रेन सेवा का लाभ उठा सकते हैं।