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भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है, जिसका नाम है ‘वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन’। इस योजना के तहत देश में जमीनों का डिजिटल रजिस्ट्रेशन किया जाएगा और हर जमीन को एक यूनिक नंबर (ULPIN) प्रदान किया जाएगा, जिसे आप जमीन का आधार नंबर कह सकते हैं। आइए इस योजना को विस्तार से समझते हैं.
डिजिटल इंडिया के सपने की दिशा में नया कदम
सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत सरकारी सेवाओं को डिजिटल रूप देने पर विशेष जोर दिया है। नोटबंदी और GST जैसे बड़े फैसलों ने डिजिटल व्यवस्था को मजबूती दी है। इसी कड़ी में अब नागरिकों के पास मौजूद आधार कार्ड जैसी यूनिक पहचान संख्या की तरह, अब जमीनों के लिए भी एक यूनिक डिजिटल नंबर देने का निर्णय लिया गया है।
वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन योजना क्या है?
‘वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन’ कार्यक्रम के अंतर्गत देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जमीन के कागजात और रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सेव किया जाएगा। इसका मतलब है कि जमीन की सारी जानकारी एक केंद्रीकृत, डिजिटलीकृत डेटाबेस में उपलब्ध होगी, जिसे हर जगह एक्सेस किया जा सकेगा। इसके लिए आईपी (IP) बेस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे रिकॉर्ड सुरक्षित और तेज़ी से उपलब्ध हो सकेंगे।
सरकार ने भूमि सुधार के लिए आम बजट में महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं, जिनसे भूमि विवादों पर नियंत्रण में मदद मिलेगी। ‘वन नेशन-वन रजिस्ट्रेशन’ योजना के तहत प्रत्येक भूखंड को आधार जैसे यूनिक नंबर दिए जाएंगे, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में भूमि की स्पष्ट पहचान सुनिश्चित होगी। इस योजना के लिए नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (NGDRS) को राज्यों के कंप्यूटरीकृत भूमि दस्तावेजों से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने का भी प्रयास किया जाएगा।
ULPIN नंबर- जमीन का आधार नंबर
- इस योजना के अंतर्गत हर जमीन को एक 14 डिजिट का यूनिक नंबर दिया जाएगा, जिसे ULPIN (Unique Land Parcel Identification Number) कहा जाएगा। यह नंबर जमीन का आधार कार्ड की तरह होगा।
- ULPIN नंबर की मदद से आप घर बैठे अपनी जमीन के सभी दस्तावेज़ और जानकारी आसानी से देख पाएंगे।
- किसी भी राज्य में जमीन खरीदने या बेचने में आसानी होगी, क्योंकि सभी रिकॉर्ड एक जैसे होंगे।
- जमीन के बंटवारे की स्थिति में हर नई जमीन का अलग ULPIN नंबर होगा, जिससे पहचान बनी रहेगी।
- यह नंबर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी सरकारी योजनाओं में भी इस्तेमाल होगा।
जमीन की नपाई ड्रोन से होगी
सरकार ने जमीन की सही माप सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन तकनीक अपनाई है। ड्रोन की मदद से जमीन की नाप-जोख पूरी पारदर्शिता और सटीकता के साथ की जाएगी, जिससे किसी तरह की धोखाधड़ी या गड़बड़ी की संभावना खत्म हो जाएगी। नापी गई जमीन की जानकारी एक डिजिटल पोर्टल पर अपलोड कर दी जाएगी, जिसे हर कोई देख सकेगा।
डिजिटल लैंड रिकॉर्ड से जनता को क्या फायदे होंगे?
डिजिटल लैंड रिकॉर्ड को ‘3C फॉर्मूला’ के तहत फायदे बताए गए हैं: Centralization of Record (सेंट्रल ऑफ रिकॉर्ड): सारे रिकॉर्ड एक जगह, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रहेंगे। Convenience of Record (कन्वीनियंस ऑफ रिकॉर्ड): जमीन की जानकारी घर बैठे एक क्लिक में उपलब्ध होगी। Collection of Record (कलेक्शन ऑफ रिकॉर्ड): रिकॉर्ड का संग्रह और अपडेटेशन आसान होगा। इन सुविधाओं से जमीन के स्वामित्व और ट्रांजैक्शन में पारदर्शिता बढ़ेगी, समय और पैसा बचेगा, और विवादों की संभावना कम होगी।
एक देश, एक रजिस्ट्रेशन की बड़ी पहल
कई संदर्भों में इस्तेमाल होने वाला एक वाक्यांश है। इसका मतलब है देश भर में एक ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का उपयोग करना। यह विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है, जैसे कि राशन कार्ड, डॉक्टर का पंजीकरण, और शिक्षा संस्थानों का पंजीकरण। केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर इस आइडिया पर काम कर रही है। जैसे… एक देश, एक राशन कार्ड: यह योजना देश भर में राशन कार्ड धारकों को किसी भी राज्य में अपनी राशन सामग्री लेने की अनुमति देती है।
वन नेशन, वन डॉक्टर रजिस्ट्रेशन: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) डॉक्टरों के लिए एक ऐसा मंच शुरू करने की योजना बना रहा है जो देश भर में उनके पंजीकरण को एकीकृत करे। एक देश, एक सदस्यता: National Portal of India के अनुसार, "वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन" (ONOS) एक एकीकृत पोर्टल है जो सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों को पत्रिकाओं तक पहुंच प्रदान करता है।
एक देश, एक मोटर वाहन पंजीकरण: (One Nation, One Vehicle Registration) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की इस योजना में अब राज्यों में अलग-अलग नंबर प्लेट की जरूरत नहीं रहेगी। BH- यानी भारत सीरीज से ही वाहनों को नंबर प्लेट मिलेंगी। एक देश, एक चुनाव: (One Nation, One Election) थीम पर सरकार का काम जारी है। इसे लेकर राज्यों के साथ सहमति बनाने की कोशिशें चल रही हैं। एक देश, एक कर: (GST - Goods and Services Tax) पहले से ही जारी है। पूरे देश में एक समान टैक्स सिस्टम लागू है और राज्यों के बीच टैक्स बैरियर्स खत्म हो चुका है।
वन नेशन, वन स्टैंडर्ड: (One Nation, One Standard) के तहत उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने देश भर में उत्पादों की गुणवत्ता के लिए एक समान मानक तय किए हैं।
जमीन से जुड़ी जनता की समस्याएं होगीं खत्म
‘वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन’ योजना भारत में जमीन के रजिस्ट्रेशन और रिकॉर्डिंग प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।डिजिटल तकनीक और ड्रोन आधारित नाप के साथ, यह योजना जमीन के स्वामित्व को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और सुलभ बनाएगी। यह कदम देश को डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों के और करीब ले जाएगा और आम जनता को जमीन से जुड़ी समस्याओं से राहत देगा।
वन नेशन वन रिजस्ट्रेशन से जुड़े कुछ अहम सवाल
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