जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। 7 मई 2025 को शुरू हुए इस अभियान के दौरान भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के सौ से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया। इसके साथ ही पाकिस्तान की सेना को भी भारी नुकसान हुआ। जब पाकिस्तान ने भारतीय सीमा पर भारी गोलाबारी शुरू की, तो वायुसेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को निशाना बना लिया और तबाह कर दिया।विशेषज्ञ टॉम कूपर के अनुसार, भारत इस संघर्ष में स्पष्ट विजेता रहा है जिसने पाकिस्तान की हर रणनीति को नाकाम कर दिया। कूपर के अनुसार, भारत ने इस संघर्ष में पाकिस्तान को हर स्तर पर नाकाम किया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान की सैन्य क्षमता अब भारत के सामने बहुत कम पड़ गई है और वह संघर्ष में पूरी तरह से हार चुका है।
भारत की हवाई रक्षा प्रणाली
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया। भारत का एयर डिफेंस सिस्टम दुनिया के सबसे परिष्कृत सिस्टम में से एक है, जिसमें रूस का एस-400, भारत-इस्राइल का बराक-8, और आकाश मिसाइल प्रणाली शामिल है। भारत की इन प्रणालियों ने पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया।
भारत की वायुसेना की शक्ति
भारत ने 8 मई तक पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई, जिसमें 160 इस्राइली हैरोप अटैक ड्रोन्स भेजे गए। इन ड्रोन्स ने पाकिस्तान के रावलपिंडी और लाहौर स्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। पाकिस्तान के एफ-16 विमानों को भी इन ड्रोन्स के मुकाबले परेशानी का सामना करना पड़ा।
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पाकिस्तान का सैन्य नुकसान
पाकिस्तान के पास पर्याप्त संसाधनों की कमी थी और उसकी हवाई शक्ति भारत के मुकाबले काफी कमजोर साबित हुई। भारत ने पाकिस्तान के सैन्य हवाई ठिकानों को बर्बाद कर दिया, जिसमें सुखोई-30, मिराज 2000 और राफेल विमान शामिल थे। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस और SCALP-EG मिसाइलों के माध्यम से पाकिस्तान के कई एयरबेस को निशाना बनाया।
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पाकिस्तान के पास युद्धक सामग्री की कमी
कूपर ने कहा कि पाकिस्तान के पास अब भारत का सामना करने के लिए पर्याप्त युद्धक सामग्री नहीं है। उनकी राय में, भारत की अत्याधुनिक हवाई रक्षा प्रणाली और वायुसेना के पास बहुत बेहतर तकनीकी क्षमताएं हैं।
कौन हैं टॉम कूपर
टॉम कूपर, ऑस्ट्रिया के एक प्रसिद्ध एविएशन विश्लेषक (हवाई-उड्डयन मामलों के विश्लेषक) हैं, जिन्हें खासतौर पर वायुसेना और हवाई संघर्षों पर गहरी जानकारी और विश्लेषण के लिए जाना जाता है। वे एक ख्यात लेखक भी हैं। कूपर का नाम उस वक्त सामने आया जब उन्होंने भारतीय व पाकिस्तान के बीच हुए हालिया सैन्य संघर्ष, विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर का गहराई से विश्लेषण किया। इसके पहले कूपर ने रुस-यूक्रेन और इज़राइल-हमास संघर्ष का भी विश्लेषण किया है।
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