New Delhi. मणिपुर हिंसा पर संसद में लंबी चर्चा के लिए विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहा है। वैसे तो विपक्ष की संख्याबल के आधार पर इस अविश्वास प्रस्ताव का गिरना निश्चित है, पर विपक्ष की लगातार चर्चा की मांग इसके जरिए पूरी हो जाएगी। अविश्वास प्रस्ताव पर स्वयं प्रधानमंत्री को सदन में मौजूद रहना पड़ेगा। विपक्ष यही चाहता भी है। क्योंकि सरकार इस बात पर अड़ी है कि गृहमंत्री होने के नाते अमित शाह ही मणिपुर की स्थिति पर चर्चा का जवाब देंगे। पर विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी के सामने सरकार को कठघरे में खड़ा करना चाहता है और सफाई की मांग करने की रणनीति बनाकर बैठा है।
अधीर रंजन चौधरी ने किया था ऐलान
दरअसल इस मसले में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ऐलान किया था कि विपक्ष लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। 50 से ज्यादा विपक्षी दल भी इस पर नोटिस दे सकते हैं। जिसके बाद इसी सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर लंबी चर्चा होने की संभावना है ं
बीजेपी बोली पीएम के भाषण के समय कर जाएंगे वाक आउट
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि विपक्ष हर बार चर्चा की मांग करता है और चर्चा के वक्त वाकआउट कर जाता है। उन्होंने दावा किया है कि इस बार भी अविश्वास प्रस्ताव पर जब प्रधानमंत्री मोदी बोलेंगे तो विपक्ष हो हल्ला मचाने के बाद वाकआउट कर जाएगा इसकी पूरी संभावना है।
पिछले अविश्वास प्रस्ताव में राहुल गले लगे थे, आंख भी मारी थी
इससे पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के अंतिम समय में भी कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाई थी। उस दौरान राफेल का मुद्दा गर्माया हुआ था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना उदबोधन देने के बाद पीएम की सीट पर जाकर उन्हें गले लगा लिया था, या कहें गले पड़ गए थे। इस घटनाक्रम के बाद अपनी सीट पर आकर राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को आंख भी मारी थी। जिस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आपत्ति भी उठाई थी।