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New Delhi. आजादी के 75 साल बाद देश को नई संसद मिलने जा रही है, प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। उधर विपक्षी दल कांग्रेस को इस आयोजन से दिक्कत हो रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सवाल उठा चुके हैं कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से क्यों नहीं कराया जा रहा। राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को करना चाहिए, न कि प्रधानमंत्री को। वहीं आशानुरूप राहुल का अनुसरण करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी यही सवाल उठाया है। वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस को आयोजन की तारीख से भी दिक्कत है, क्योंकि 28 मई को वीर सावरकर जयंती है।
विपक्ष कर सकता है बायकॉट
माना जा रहा है कि विपक्षी दल इस बड़े आयोजन से किनारा कर लें। इससे पहले इस नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह का भी विपक्ष के कई दलों ने बहिष्कार किया था। उस दौरान कांग्रेस ने कोरोना काल में करोड़ों की पूंजी खर्च कर नया संसद भवन बनवाने पर ऐतराज जताया था। वहीं काफी तेज गति से नए संसद भवन का काम पूरा हो जाने के बाद बीजेपी इसे सरकार की उपलब्धि बता रही है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी प्रधानमंत्री ने इतने बड़े प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया और उसी कार्यकाल में उसका लोकार्पण भी करने जा रहे हैं।
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सावरकर जयंती से भी है आपत्ति
माना जा रहा है कि कांग्रेस को संसद भवन के उद्घाटन की तारीख से भी आपत्ति है। 28 मई को वीर सावरकर की जयंती है, जो कांग्रेसियों को फूटी आंख नहीं सुहाते। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी जब-तब सावरकर को लेकर टिप्पणी करते रहते हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि बहाने के तौर पर राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन कराने की मांग कांग्रेस द्वारा की जा रही है। लग तो यही रहा है कि पूरा विपक्ष आपस में सहमति बनाकर इस आयोजन का बहिष्कार कर सकता है।
इससे पहले साल 2020 में नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को न बुलाए जाने का भी आरोप लगाया है। खड़गे ने ट्वीट किया है कि मोदी सरकार दलित और आदिवासी समुदाय से राष्ट्रपति का चुनाव सिर्फ चुनावी फायदे के लिए करती है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संसद के शिलान्यास के मौके पर नहीं बुलाया था। अब उद्घाटन में भी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को किनारे कर दिया गया है।