UPSC में लेटरल एंट्री पर भड़के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, बोले SC,ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जाएगा

लेटरल एंट्री (lateral entry के जरिए UPSC में भर्ती का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। इसको लेकर तमाम विपक्षी दलों ने एकजुट हो कर केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की है। इसी क्रम में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है...

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Sandeep Kumar
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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और सांसद राहुल गांधी ( Leader of Opposition MP Rahul Gandhi ) ने केंद्र के मंत्रालयों में संयुक्त  निदेशकों, सचिवों,और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर लेटरल एंट्री ( lateral entry )  के जरिए 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने की आलोचना की है। राहुल ने इसकी केंद्र सरकार की निंदा करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर SC,ST,OBC से आरक्षण छीना जाएगा।

मोदी RSS के जरिए कर रहे भर्ती : राहुल 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा है कि पीएम नरेंद्र मोदी, संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission ) की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh ) के ज़रिए भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। राहुल ने कहा है कि मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी (top bureaucracy ) समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री (lateral entry ) द्वारा शीर्ष पदों से दूर किया जा रहा है।

ये नेता भी जता चुके हैं लेटरल एंट्री का विरोध

लेटरल भर्ती का विरोध करते हुए आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ( RJD Lalu Prasad Yadav ) ने कहा है कि मोदी सरकार और उनके सहयोगी बाबा साहेब के संविधान एवं आरक्षण की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Former Chief Minister Akhilesh Yadav ) ने इस फैसले के खिलाफ दो अक्टूबर को प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है। इनके अलावा BSP प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Former Chief Minister Mayawati ) ने भी सरकार के इस फैसले को गलत बताया। मायावती ने कहा कि इन उच्च पदों पर सीधी नियुक्तियां करना बीजेपी सरकार की मनमानी है।

क्या है लेटरल एंट्री? 

यूपीएससी ( UPSC ) में लेटरल एंट्री की शुरुआत साल 2018 में हुई थी। इसे सीधी नियुक्ति कहा जाता है। दरअसल, केंद्र सरकार ने 2017 में ब्यूरोक्रेसी में सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination in Bureaucracy ) के माध्यम से नियुक्ति के अलावा लेटरल एंट्री (Lateral Entry) से बड़े पदों पर अधिकारियों की भर्ती करने पर विचार करने की बात कही थी।

UPSC ने दिया था ये विज्ञापन

केंद्र के कई मंत्रालयों (multiple ministries ) में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों (consisting of secretaries, directors and deputy secretaries ) के प्रमुख पदों पर जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने हैं। आपको बता दें कि आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं भारतीय प्रशासनिक सेवा ( IAS ) भारतीय पुलिस सेवा ( IPS ) और भारतीय वन सेवा ( IFS ) के ग्रुप ए सेवाओं के पदाधिकारी तैनात होते है।

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