जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में हुए हालिया आतंकी हमले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक संगठित ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। सूत्रों के अनुसार, चार ओवर द ground (ओजीडब्ल्यू) ने आतंकवादियों की रेकी से लेकर हमले तक करवाने में सहायता की। हमला करने से पहले आतंकवादियों ने पहलगाम की बेताब वैली (Betab Valley), बैसरन वैली (Baisaran Valley) और दो अन्य पर्यटन स्थलों की रेकी की थी। इस रेकी में उनकी सहायता OGW ने की थी।
फारूक अहमद तीदवा मास्टरमाइंड
लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़ा फारूक अहमद तीदवा, जो कुपवाड़ा (Kupwara) का रहने वाला है, इस हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। वह पीओके में बैठकर पहलगाम में हमलों की साजिश रच रहा था। फारूक ने पाकिस्तानी आतंकियों को कश्मीर में लॉजिस्टिक, ट्रेनिंग और गाइडेंस उपलब्ध कराई। इस हमले में दूसरे आतंकवादियों के हाथ होने की संभावना है।
क्या होता है OGW?
- OGW नेटवर्क (Over Ground Worker) वो व्यक्ति होते हैं जो आतंकवादियों को आश्रय, भोजन, हथियार, परिवहन और स्थानीय जानकारी प्रदान करते हैं। ये किसी भी आतंकी गतिविधि के लिए रीढ़ की हड्डी माने जाते हैं।
- ये आतंकियों को आश्रय और संसाधन देने के अलावा हमले की योजना में स्थान और लक्ष्य की जानकारी भी देते हैं। ये आतंकवादियों को रैकी करने में सहायता देने के अलावा उन्हें सुरक्षित जगहों की जानकारी भी देते हैं।
- ये आतंकवादी गुटों में स्थानीय युवाओं की भर्ती में मदद करते हैं और सुरक्षा बलों की मूवमेंट पर नजर रखते हैं। जानकारों के अनुसार, कश्मीर में OGW का नेटवर्क बेहद गहरा है।
- यह नेटवर्क न सिर्फ आतंकियों को सहायता देता है, बल्कि आने वाले समय में होने वाले हमलों की आधारशिला भी यही बनाता है। कुछ मामलों में ओजीडब्लू सेना के भी सहयोगी होते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों का एक्शन
अब तक 186 संदिग्धों से पूछताछ की जा चुकी है। सुरक्षा बलों ने फारूक के कई सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है। पहलगाम हमले के बाद 10 आतंकियों के घर तोड़कर सख्त संदेश दिया गया है।