International Desk. आर्थिक तंगहाली से जूझ रहा पाकिस्तान अपने देश के पंजाब सूबे में चुनाव टालना चाहता है। इसके लिए वहां के सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें यह जिक्र है कि पाकिस्तान को भारत से युद्ध का अंदेशा है। शहबाज शरीफ की सरकार ने ही यह रिपोर्ट वहां के सुप्रीम कोर्ट में पेश की है। असल में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सूबे में होने वाले विधानसभा चुनाव में देरी के खिलाफ अपील दायर की गई है, जिस पर सुनवाई चल रही है।
पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरूवार को पाकिस्तान डिफेंस मिनिस्ट्री की ओर से वहां के सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनैतिक रूप से पंजाब प्रांत में चुनाव कराने से देश में अस्थिरता बढ़ेगी और इसका फायदा उठाकर इंडिया जल विवाद समेत अन्य विवादित मुद्दों को उठा सकता है। इस रिपोर्ट में पाक सरकार ने यह अंदेशा जताया है कि इससे पाकिस्तान ग्लोबल ग्रेट गेम का विक्टिम बना रहेगा, जहां इंडिया एक अहम रोल में है।
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अभी चुनाव न कराने की दलील
पाक के रक्षा मंत्रालय की इस रिपोर्ट के मार्फत पंजाब में होने वाले चुनाव की तारीख के आदेश को वापस लेने की प्रार्थना की गई है। सरकार ने कहा है कि अगर पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में विधानसभा चुनाव होते हैं तो अन्य प्रांतों में भी होने वाले चुनाव से पहले आतंकवाद के खतरे में बढ़ोतरी की आशंका है। बता दें कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 8 अप्रैल को चुनाव आयोग के उस फैसले को रद्द कर दिय था, जिसमें चुनाव की तारीख 10 अप्रैल से बढ़ाकर 8 अक्टूबर कर दी गई थी। वहां की शीर्ष अदालत ने पंजाब विधानसभा के लिए 14 मई को मतदान की तारीख तय कर दी है।
तंगहाली भी है बड़ी वजह
दरअसल पाकिस्तान सरकार पंजाब सूबे के चुनाव अक्टूबर तक टालना चाहती है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने 22 मार्च को कहा था कि देश नकदी की कमी से जूझ रहा है, सुरक्षा की स्थिति बिगड़ी हुई है, ऐसे में पंजाब के चुनाव नहीं कराए जा सकते।