हिमाचल राजभवन : 53 साल पहले शिमला समझौते के बाद लगाया था पाकिस्तान का झंडा, हटाया गया

शिमला समझौते की याद में हिमाचल प्रदेश के राजभवन में पाकिस्तान झंडा लगाया गया था जिसे हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हटा दिया गया है।  इस टेबल से हटाए गए पाकिस्तान के झंडे की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही है।

author-image
Reena Sharma Vijayvargiya
New Update
The sootr

The sootr

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

शिमला समझौते के प्रतीक के रूप में हिमाचल प्रदेश के राजभवन में टेबल पर रखा गया पाकिस्तान का स्मृति झंडा (टेबल फ्लैग) अब हटा दिया गया है। यह झंडा 1972 में हुए शिमला समझौते के बाद से वहां मौजूद था। यह फैसला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया है। हमले के बाद इस टेबल की तस्वीरें सामने आईं, जिससे यह मुद्दा फिर चर्चा में आया।

राजभवन के सचिव सीपी वर्मा का कहना है, "झंडा हटाने के पीछे कोई विशेष कारण नहीं है।"वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने भी हमले के बाद शिमला समझौते को रद्द करने की घोषणा कर दी है।

ये खबर भी पढ़ें : Pahalgam Terror Attack: रवीना से आलिया तक, बॉलीवुड सेलेब्स ने पहलगाम हमले को बताया हार्ट ब्रेकिंग

ऐतिहासिक शिमला समझौते की तस्वीर

The sootr
The sootr

 

यह तस्वीर उस दौर की है जब वर्तमान हिमाचल प्रदेश राजभवन, जो पहले बार्नेस कोर्ट के नाम से जाना जाता था, में शिमला समझौते के तहत एक ऐतिहासिक बैठक हुई थी। उस वक्त बैठक की टेबल पर भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के झंडे रखे गए थे।

ये खबर भी पढ़ें : 'मोदी से बता दो', Pahalgam Terror Attack | आतंकियों ने पूछा धर्म फिर मारी गोली, गूंज MP तक

2 जुलाई 1972 को हुआ था शिमला समझौता

The sootr
The sootr

भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने 2 जुलाई 1972 को शिमला में इस महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते का उद्देश्य भारत-पाकिस्तान के बीच शांति और सौहार्दपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना था।

ये खबर भी पढ़ें : Pahalgam Terror Attack: 27 लोगों की मौत, दुबई का दौरा बीच में छोड़कर भारत रवाना हुए पीएम मोदी

स्मृति स्वरूप लगाया था झंडा

समझौते के बाद, उस ऐतिहासिक क्षण की स्मृति स्वरूप उस टेबल पर पाकिस्तान का झंडा लगाया गया था। यह प्रतीकात्मक झंडा आज भी राजभवन में मौजूद है, ताकि यहां आने वाले दर्शकों को इस ऐतिहासिक घटना की जानकारी मिल सके और वे भारत-पाकिस्तान संबंधों के उस महत्वपूर्ण मोड़ को महसूस कर सकें।

शिमला समझौता क्या है? जानिए विस्तार से...

ये खबर भी पढ़ें : Pahalgam Terror Attack: महू के होटल कारोबारी सुमित 15 मिनट पहले ही परिवार सहित निकले थे पहलगाम से

1971 की भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 90,000 से अधिक सैनिकों को बंदी बना लिया था। इस युद्ध के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सामान्य करने और युद्धबंदियों की रिहाई के उद्देश्य से 2 जुलाई 1972 की रात करीब 3 बजे शिमला में एक ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिसे शिमला समझौता कहा जाता है।

इस समझौते के तहत यह तय हुआ कि 20 दिनों के भीतर दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी सीमाओं पर लौट जाएंगी। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच तनाव कम कर रिश्तों को बेहतर बनाना था।

शिमला समझौता राजभवन ऐतिहासिक हिमाचल प्रदेश पाकिस्तान भारत