पाकिस्तानी मरीज, भारतीय डॉक्टर और श्रीलंका में ऑपरेशन, जानें क्या है पूरा मामला

मुंबई के आंखों के सर्जन डॉ. कुरेश मस्कती ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया है, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। सर्जन ने पाकिस्तान के एक मरीज की आंखों का सफल ऑपरेशन कर उसकी रोशनी लौटा दी है।

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Sourabh Bhatnagar
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पाकिस्तानी मरीज के लिए देवदूत बना भारतीय डॉक्टर
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भारत में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। इसका उदाहरण हाल में मुंबई के आंखों के सर्जन डॉ. कुरेश मस्कती ( Dr. Quresh Maskati ) ने पेश किया है, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। दरअसल, सर्जन ने पाकिस्तान के एक मरीज की आंखों का सफल ऑपरेशन कर उसकी रोशनी लौटा दी है। अब आप सोच रहे होंगे कि मरीज या तो भारत आया होगा, या फिर डॉ. कुरेश मस्कती ऑपरेशन करने पाकिस्तान गए होंगे। आपको बता दें कि ये सफल ऑपरेशन न तो भारत में हुआ है और न ही पाकिस्तान में, डॉ. मस्कती ने ये ऑपरेशन श्रीलंका जाकर किया है। आइए जानते हैं पूरा मामला

4 साल पहले गई थी आंखों की रोशनी

दरअसल, 4 साल पहले एक हादसे में पाकिस्तान के लाहौर में रहने वाले शख्स की बाई आंख खराब हो गई थी। इसके बाद शख्स ने 2 बार ऑपरेशन भी कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद वह डॉ. कुरेश मस्कती के संपर्क में आया और उन्हें पूरा मामला समझाया।

नहीं मिला मेडिकल वीजा

लाहौर में रहने वाला मरीज कई माह से डॉ. कुरेश मस्कती के संपर्क में था। आंखों को सही करने के लिए ऑपरेशन ही एकमात्र रास्ता था। बताया जा रहा है कि इस दौरान शख्स ने भारत में मेडिकल वीजा के लिए अप्लाई किया था। मगर उसे वीजा नहीं मिला। इसके बाद एक कॉन्फ्रेंस के लिए कोलंबो गए मस्कती ने श्रीलंकन मेडिकल काउंसिल से लाइसेंस हासिल कर उसका ऑपरेशन किया।

48 घंटों तक चला ऑपरेशन

डॉ. कुरेश मस्कती ने कहा, मुझे एक कॉन्फ्रेंस के सिलसिले में कोलंबो  (Surgery in Colombo ) जाना था। मैंने श्रीलंकन मेडिकल काउंसिल से संपर्क किया और उन्होंने मरीज का ऑपरेशन करने की मंजूरी दे दी। श्रीलंका के लोकल आई सर्जन डॉ. कुसुम रथनायके की मदद से 13 सितंबर को हमने ऑपरेशन शुरू किया था। 48 घंटे बाद ऑपरेशन सफल साबित हुआ। उन्होंने बताया कि 24 सितंबर को मरीज पाकिस्तान वापस लौट गया।

4 साल परिवार की शक्ल नहीं देखी

'Times of India' से बातचीत में पाकिस्तानी मरीज ने कहा, पिछले चार साल से मैंने अपने परिवार की शक्ल नहीं देखी थी। आंखों की रोशनी वापस आने के बाद अपनी 7 साल की बेटी और पूरे परिवार को देखकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्होंने कहा कि घर की अटारी साफ करते समय एक केमिकल की बोतल टूट गई और उसका पूरा घोल मेरे सिर के साथ-साथ चेहरे पर भी फैल गया। इस घटना के कारण मेरी दाहिनी आंख पूरी तरह से खराब हो गई। मैंने 2 बार आंख पर कॉर्नियल ट्रांसप्लांट करवाया, जो कि सफल नहीं हुआ।

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