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GAJIPUR. मऊ से बसपा सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा से सदस्यता रद्द कर दी गई है। शनिवार को उन्हें 4 साल की सजा सुनाई गई थी। उनके भाई माफिया मुख्तार अंसारी को भी गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। मुख्तार पर 5 लाख और अफजाल पर 1 लाख रुपए का जुर्माना कोर्ट ने लगा था। मुख्तार पहले से ही बांदा जेल में बंद है। इससे पहले तक सांसद अफजाल जमानत पर था।
अफजाल पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगा था
अफजाल के भाई माफिया मुख्तार अंसारी को भी गैंगस्टर मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी। मुख्तार पर 5 लाख और अफजाल पर 1 लाख रुपए का जुर्माना कोर्ट ने लगा था। मुख्तार पहले से ही बांदा जेल में बंद है। इससे पहले तक सांसद अफजाल जमानत पर था।
कृष्णानंद राय की हत्या को मामले में दर्ज हुआ था केस
अंसारी भाइयों पर गैंगस्टर एक्ट का ये मामला 2007 में कृष्णानंद राय की हत्या के दो साल बाद दर्ज किया गया था। केस में राय की हत्या के बाद हुई आगजनी और कारोबारी नंद किशोर रुंगटा की अपहरण-हत्या को आधार बनाया गया था। कृष्णानंद राय की हत्या मामले में कोर्ट अंसारी भाइयों को बरी कर चुका है। लेकिन, गैंगस्टर एक्ट का यह मामला इसी से जुड़ा है। 23 सितंबर 2022 को दोनों भाई पर गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोप तय हुए थे। इस मामले में 15 अप्रैल को फैसला आना था। हालांकि, जज के छुट्टी पर जाने से सुनवाई टल गई थी।
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हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
पिछले दिनों अफजाल अंसारी ने कहा था, "हम पर हत्या का जो केस लगाया था उसमें कोर्ट बरी कर चुका है। ऐसे में गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे का कोई आधार नहीं बनता है। कोर्ट पर भरोसा है।" दरअसल, हत्या से बरी होने की बात को आधार बनाते हुए अफजाल गैंगस्टर केस के खिलाफ हाईकोर्ट गया था। हालांकि, वहां राहत नहीं मिली थी।
अफजाल अंसारी ने मनोज सिंहा को हराकर जीता था चुनाव
2019 में अफजाल अंसारी ने गाजीपुर से बसपा की सीट पर चुनावी मैदान में उतरे थे। उसने बीजेपी प्रत्याशी मनोज सिन्हा को 119392 वोटों से हराया था। इससे पहले 2014 में उसने सपा की सीट से चुनाव लड़ा था।