सुप्रीम कोर्ट के आगे दंडवत हुए बाबा रामदेव एंड कंपनी, मांगी माफी

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ अवमानना का केस भी दर्ज किया जा सकता है। अब पतंजलि के इन दोनों प्रमुख गुरुओं ने बिना शर्त माफी मांगकर कोर्ट के प्रकोप से बचने का प्रयास तो कर ही लिया है।

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Dr Rameshwar Dayal
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NEW DELHI: अपने भ्रामक विज्ञापनों ( misleading advertising ) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ( supreme court ) के टारगेट पर आए पतंजलि आयुर्वेद (patanjali ayurved ) के सर्वेसर्वा बाबा रामदेव ( baba ramdev ) व आचार्य बालकृष्ण कोर्ट के आगे दंडवत मुद्रा में आ गए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी ( apology ) मांग ली है, साथ ही यह भी दोहराया है कि ऐसी गलती आगे नहीं की जाएगी। इसके बावजूद योग व आयुर्वेद के इन बेताज बादशाहों को कोर्ट में पेश होने से छूट नहीं मिली है।  

बाबा से लगातार नाराज चल रहा था कोर्ट 

अपने उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों व प्रचार को लेकर सुपीम कोर्ट पिछले कई दिनों से नाराज चल रहा था। कारण यह था कि कोर्ट ने ऐसे विज्ञापन जारी न करने का आदेश पतंजलि को दिया था, लेकिन वहां से लगातार विज्ञापन जारी हो रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली तारीख में इन दोनों महानुभाव को 2 अप्रैल को उनके सामने पेश होने का आदेश तो जारी किया था, साथ ही यह भी कहा था कि तुम्हारे खिलाफ क्यों न अवमानना का केस भी दायर किया जाए। इस चेतावनी के बाद घबराए योग गुरु व आचार्य ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी तो मांगी ही साथ ही यह भी कहा कि वे इस तरह की गलती अब नहीं करेंगे।

पतंजलि के खिलाफ लंबे समय से शिकायत दर्ज थी

असल में साल 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( IMA ) ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर यह आरोप लगाया था कि कोरोना महामारी के दौरान पतंजलि ने न केवल टीकाकरण पर निगेटिव बाते कीं बल्कि आधुनिक दवाओं पर भी सवाल खड़े किए। इस दौरान कंपनी ने कोरोना की दवाई भी बना दी और दावा किया कि इससे यह महामारी ठीक हो जाएगी। असल में डॉक्टरों का एक वर्ग भी बाबा से खासा नाराज चल रहा है। बाबा अपनी योग क्लासों में डॉक्टरी पेशे के कथित भ्रष्टाचार के अलावा उनकी दवाओं के खेल से भी लोगों को बचाने के लिए स्पीच देते हैं, साथ ही यह भी दावा करते रहते हैं कि योग करो, डॉक्टर के पास नही जाना पड़ेगा।

अवमानना के डर से मांग ली माफी?

पिछले साल नवंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में पतंजलि को इस तरह के विज्ञापन न छापने का आदेश जारी किया। लेकिन कंपनी ने इस आदेश के बाद लगातार दो बार कथित तौर पर ऐसे ही विज्ञापन जारी कर दिए। आईएमए ने यह विज्ञापन कोर्ट में दिखाए तो 27 फरवरी को कोर्ट ने पतंजलि को फिर फटकार लगाई और जवाब देने को कहा। अब ताजा सुनवाई में कोर्ट ने बाबा और बालकृष्ण को 2 अप्रैल को कोर्ट में आकर जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ अवमानना का केस भी दर्ज किया जा सकता है। अब पतंजलि के इन दोनों प्रमुख गुरुओं ने बिना शर्त माफी मांगकर कोर्ट के प्रकोप से बचने का प्रयास तो कर ही लिया है।

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