बाबा रामदेव : इसलिए आया है गुरु सुप्रीम कोर्ट के नीचे

असल में डॉक्टरों का एक वर्ग बाबा से खासा नाराज चल रहा है। बाबा अपनी योग क्लासों में डॉक्टरी पेशे के कथित भ्रष्टाचार के अलावा उनकी दवाओं के खेल से भी लोगों को बचाने के लिए स्पीच देते हैं।

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Dr Rameshwar Dayal
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Supreme court baba ramdev patanjali ayurved yoga guru the sootr द सूत्र
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Nes Delhi: दुनिया में ऐसे लोग बहुत कम हैं जो खुद ही अपने प्रोडक्ट का प्रचार करते हैं और छा जाते हैं। इनमें भारत के योग गुरु बाबा रामदेव ( baba ramdev ) भी शामिल हैं। पूरे विश्व में योग ( yoga ) को तेजी से फैलाने का श्रेय भी इन्हें दिया जाता है, लेकिन बाबा को लेकर विवाद भी लगातार उछलते रहते हैं। इन्हीं विवादों में उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ( patanjali ayurved ) के कुछ आयुर्वेदिक प्रोडक्ट आ गए हैं। आरोप है कि वे अपने उत्पादों को लेकर भ्रामक विज्ञापन देते हैं, साथ ही उनका प्रचार भी करते रहते हैं। खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ( supreme court ) ने ऐसे विज्ञापन पर रोक लगाने को कहा तो रोक की बात तो छोड़िए बाबाजी ने अगले दिन ही मीडिया में ऐसे विज्ञापनों की झड़ी लगा दी। नाराज कोर्ट ने अब बाबा को समन जारी कर दिया है और उन्हें कोर्ट में ही बुला लिया है। कोर्ट उनके खिलाफ अवमानना का मुकदमा भी दर्ज करने पर विचार कर रहा है।

आईएमए ने की थी बाबा की शिकायत

कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के दोनों महानुभाव बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को दो सप्ताह के भीतर पेश होने का आदेश दिया है। उनके आने पर कोर्ट कितना सख्त होगा यह तो बाद की बात हैं, लेकिन हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्या हो गया कि विश्व के इस नामी योगगुरु को कोर्ट ने फटकार तो लगाई ही साथ ही उसे बुला भी लिया। असल में साल 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( IMA ) ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर यह आरोप लगाया था कि कोरोना महामारी के दौरान पतंजलि ने न केवल टीकाकरण पर निगेटिव बाते कीं बल्कि आधुनिक दवाओं पर भी सवाल खड़े किए। इस दौरान कंपनी ने कोरोना की दवाई भी बना दी और दावा किया कि इससे यह महामारी ठीक हो जाएगी। असल में डॉक्टरों का एक वर्ग भी बाबा से खासा नाराज चल रहा है। बाबा अपनी योग क्लासों में डॉक्टरी पेशे के कथित भ्रष्टाचार के अलावा उनकी दवाओं के खेल से भी लोगों को बचाने के लिए स्पीच देते हैं, साथ ही यह भी दावा करते रहते हैं कि योग करो, डॉक्टर के पास नही जाना पड़ेगा।

रोक की बात तो दूर, फिर से विज्ञापन दे दिए 

बता दें कि आईएमए ने कोर्ट को यह भी बताया था कि बाबा ब्लड प्रेशर डायबिटीज, मोटापे आदि बीमारियों के बचाव को लेकर भी भ्रामक विज्ञापन देते रहते हैं। नवंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में पतंजलि को इस तरह के विज्ञापन न छापने का आदेश जारी किया। लेकिन कंपनी ने इस आदेश के बाद लगातार दो बार कथित तौर पर ऐसे ही विज्ञापन जारी कर दिए। आईएमए ने यह विज्ञापन कोर्ट में दिखाए तो 27 फरवरी को कोर्ट ने पतंजलि को फिर फटकार लगाई और जवाब देने को कहा। अब ताजा सुनवाई में कोर्ट ने बाबा और बालकृष्ण को कोर्ट में आकर जवाब देने को कहा है। उन्हें न आने पर कड़े परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ अवमानना का केस भी दर्ज किया जा सकता है। कोर्ट ने आयुष मंत्रालय को भी टारगेट पर लिया है और पूछा कि वह भ्रामक विज्ञापनों पर क्या एक्शन ले रहा है। मंत्रालय ने जवाब दिया है कि वह ऐसे विज्ञापनों पर नजर रखे हुए है। अब देखना यह होगा कि बाबा जब कोर्ट में जाएंगे तो उनका व्यवहार कैसा होगा।

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