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NEW DELHI. NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) से मिली लीड के आधार पर आज यानी 27 सितंबर को 8 राज्यों की पुलिस और दूसरी एजेंसियों ने एक बार फिर PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के देशभर में फैले कई ठिकानों पर छापेमारी की है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक यह दूसरे राउंड की रेड बताई जा रही है। पहले राउंड में NIA ने छापेमारी की थी। दिल्ली के शाहीन बाग में NIA ने रेड करके PFI से जुड़े 30 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं महाराष्ट्र से 15, कर्नाटक के कोलार से 6 और असम से 25 PFI कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया है। मध्यप्रदेश ATS ने सोमवार रात भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत 8 जिलों में PFI सदस्यों के ठिकानों पर रेड की है। सूत्रों ने बताया कि 8 राज्यों से पीएफआई के 170 से ज्यादा मेंबर्स को हिरासत में लिया गया है। आपको बता दें कि 22 सितंबर को भी 11 राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर रेड डाली गई थी।
मध्य प्रदेश: 8 जिलों से PFI के 22 संदिग्ध पकड़े गए
मध्यप्रदेश में भी PFI के खिलाफ एक्शन हुआ है। लिहाजा राजधानी भोपाल में 22 लोगों को हिरासत में लिया गया है। ये कार्रवाई NIA से मिली लीड के बाद की गई है। बीती देर रात छापा मारा गया है। हाल ही में NIA ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया था, उनसे पूछताछ के बाद ही इन लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं शाजापुर में 3 लोग हिरासत में लिए गए हैं। मध्यप्रदेश ATS ने भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत 8 जिलों PFI सदस्यों के ठिकानों पर रेड की है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) क्या है?
पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं। यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।