कनाडा में 15 जून से तीन दिवसीय जी-7 समिट का आयोजन हो रहा है। इस समिट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया गया है। इस समिट में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप भी शामिल हो रहे है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला अवसर होगा जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी आमने-सामने होंगे।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कॉर्नी ने भेजा मोदी को न्यौता
15 से 17 जून कनाडा में तक होने जा रहे जी-7 समिट में शामिल होने का न्यौता पीएम मोदी को कनाडा के नवनिर्वाचित पीएम मार्क कॉर्नी ने दिया। उन्होंने फोन कर मोदी को आमंत्रित किया। इस अवसर पर मोदी ने भी निर्वाचित पीएम मार्क कॉर्नी को चुनावी जीत की बधाई दी। G-7 के अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, कनाडा और जापान स्थाई सदस्य है। यह समूह 7 विकसित देशों से मिल कर बना है।
विश्व की जीडीपी का 28.4 प्रतिशत G-7 देशों के पास
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G-7 देशों में विश्व के सात विकसित देश शामिल हैं। इन सदस्य देशों द्वारा बारी-बारी से समिट का आयोजन किया जाता है। 2014 से पहले तक रूस भी इस समूह का हिस्सा था, लेकिन क्रीमिया पर कब्जे के बाद उसे इस ग्रुप से निकाल दिया गया। इस बार भारत के साथ पांच अन्य देशों को भी आमंत्रित किया है जिनमें ब्राजील, मैक्सिको, साउथ अफ्रीका, यूक्रेन और ऑस्ट्रेलिया शामिल है।
ओपेक देशों से रोकने के लिए बना था G-7
ग्रुप ऑफ सेवन या G-7 की स्थापना दुनिया के तेल निर्यातक देशों की मनमानी से निपटने के लिए किया गया था। इसमे केवल सात विकसित देश शामिल है। इसे अमीर देशों का संगठन भी कहा जाता है। इसका गठन 1975 में हुआ था। उस समय भारत की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसे शामिल नहीं किया गया था।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद यहां पहली बार मिलेंगे मोदी और ट्रंप
कनाडा के पीएम मार्क कॉर्नी के निमंत्रण को पीएम मोदी ने स्वीकार कर लिया है। वे 15 जून को इस समिट में शामिल होंगे। पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला मौका होगा जब पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक दूसरे से मिलेंगे। सारी दुनिया की नजरें इस मुलाकात पर रहेंगी। संभावना जताई जा रही है कि यहां मोदी ट्रंप के सामने पाकिस्तान के खिलाफ चलाएं गए ऑपरेशन सिंदूर व उसके बाद बनी स्थिति पर चर्चा कर सकते है।
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