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International Desk. फ्रांस के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएई के एक दिवसीय दौरे के लिए रवाना हुए हैं। अबु धाबी में वे यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद जायद नाहयान से मिलेंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक मोदी यूएई में 5 बार दौरा कर चुके हैं। यही नहीं यूएई ने साल 2019 में उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ जायद से भी नवाजा था। माना जा रहा है कि इस दौरे पर पीएम मोदी दोनों देशों के बीच रणनीतिक और व्यापारिक साझेदारी को लेकर चर्चा करेंगे। दरअसल भारत लंबे समय से यूएई के साथ डॉलर के बजाए दिरहम और रुपए में व्यापार करने के समझौते पर चर्चा कर रहा है। इस लिहाज से पीएम मोदी का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि रूस, सउदी अरब और इराक के बाद यूएई भारत का चौथ सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है।
पाकिस्तान से नजदीकी पर भारत का सहयोगी
बता दें कि यूएई उन देशों में से है जो पाकिस्तान का नजदीकी है। उनकी दोस्ती इतनी गाढ़ी है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को यूएई 1 अरब अमेरिकी डॉलर की मदद भी कर चुका है। इससे पहले भी कई बार उसने पाक की आर्थिक मदद की है। हालांकि बावजूद इसके वह कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ बयान देने से यूएई परहेज करता है। आर्टिकल 370 हटाए जाने पर भी उसने मुद्दे को भारत का अंदरूनी मामला बताया था।
यदि दिरहम और रुपए में शुरु हुआ व्यापार तो होंगे काफी फायदे
माना जा रहा है कि यदि भारत और यूएई अपना आपसी व्यापार डॉलर के बजाए दिरहम और रुपए में करना शुरु कर देते हैं तो इससे भारत को न सिर्फ बहुत आर्थिक लाभ मिलेगा। बल्कि रणनीतिक रूप से भी यह भारत की बड़ी जीत होगी। इस फैसले से अमेरिकन डॉलर की कीमत पर भी बड़ा असर पड़ सकता है। ऐसे में पीएम मोदी के यूएई दौरे पर पूरी दुनिया की निगाहें होंगी।