AYODHYA. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूरा होने के बाद अपने संबोधन में कहा कि कालचक्र बदलने वाला है। ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्वास है। मोदी ने कहा कि कालचक्र बदलेगा और शुभ दिशा में बढ़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में संकेतों के माध्यम से बड़े-बड़े संदेश दे जाते हैं। तो सवाल है कि आखिर पीएम मोदी कालचक्र बदलने का विश्वास जाहिर कर क्या संदेश देना चाहते हैं? क्या अयोध्या के बाद अब मथुरा-काशी की बारी है? आखिर कालचक्र बदलने का मतलब यह तो नहीं कि रामलला तो टाट से ठाट में आ गए और अब कृष्ण और शिव की तीर्थस्थली से आक्रांताओं के अत्याचार की निशानियां हटाना है।
मोदी ने कहा- जैसे उस समय कालचक्र बदला था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूरा होने के बाद अपने विचार रखे। उन्होंने अपने भाषण में कहा, कल मैं श्रीराम के आशीर्वाद से धनुषकोडी में रामसेतु के आरंभ बिंदु अरिचल मुनई पर था। जिस घड़ी प्रभु राम समुद्र पार करने निकले थे,वो एक पल था जिसने कालचक्र को बदला था। उस भावमय पल को महसूस करने का मेरा विनम्र प्रयास था। वहां पर मैंने पुष्प वंदना की। वहां मेरे भीतर एक विश्वास जगा कि जैसे उस समय कालचक्र बदला था,उसी तरह अब कालचक्र फिर बदलेगा और शुभ दिशा में बढ़ेगा।
हमारा भविष्य अतीत से सुंदर होने जा रहा हैः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने आगे अपने भाषण में यह भी दावा किया कि हमारा भविष्य बहुत सुंदर होने वाला है। उन्होंने कहा कि हमारे देश ने इतिहास की गांठ को जिस गंभीरता और भावुकता के साथ खोला है, वो ये बताती है कि हमारा भविष्य हमारे अतीत से बहुत सुंदर होने जा रहा है। स्वाभाविक है कि मोदी के 'हमारा' का मतलब भारत का और भारतीयता में विश्वास रखने वालों से ही है। भारतीयता का मतलब भारतीय संस्कृति से है और भारतीय संस्कृति के नायक तो राम-कृष्ण और शिव ही हैं। मोदी आगे कहा कि वो भी एक समय था जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जानते। रामलला के मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के शांति, धैर्य और आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। हम देख रहे हैं कि निर्माण किसी आग को नहीं बल्कि, ऊर्जा को जन्म दे रहा है।
क्या बड़ा 'संकेत' दे गए पीएम मोदी?
मोदी का इशारा क्या यही है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से ऊर्जा का संचार हुआ है तो कालचक्र बदलने पर कृष्ण और शिव के मंदिरों से आक्रांताओं का अतिक्रमण हटने के बाद सांस्कृतिक भारत की नींव और गहरी होगी? मथुरा और काशी के मुकदमे भी चल ही रहे हैं। मथुरा में एएसआई का सर्वेक्षण भी हो चुका है। वहां अगले चरण के सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा रखी है, लेकिन करोड़ों सनातनियों की श्रद्धा और आस्था उसी तरह मथुरा-काशी से भी जुड़ी है जैसे अयोध्या से है। क्या पीएम मोदी ने उन्हें संकेतों में सांत्वना दे रहे हैं?