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New Delhi. बीते साल पंजाब के दौरे के दौरान पीएम मोदी का रास्ता रोका गया था। इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने रास्ता रोके जाने के बाद दौरा रद्द किया था और दिल्ली रवाना होने से पहले हवाई अड्डे पर पंजाब के अधिकारियों से कहा था कि अपने सीएम को धन्यवाद देना उनकी बदौलत आज मैं जिंदा लौट पाया। बता दें कि उस वक्त पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी थे।
उक्त घटना को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया था। किसानों के प्रदर्शन के कारण प्रधानमंत्री का काफिला करीब 20 मिनट तक हाईवे पर थमा रहा। यहां तक कि बाद में काफिले को यूटर्न लेकर वापस लौटना पड़ा था। अब उस मामले में 9 अधिकारियों पर गाज गिरी है। मामले की जांच कमेटी ने तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, पंजाब डीजीपी एस चट्टोपाध्याय, एसएसपी हरमनदीप सिंह, तत्कालीन डिप्टी आईजी सुरजीत सिंह समेत 9 अधिकारियों को दोषी पाया है।
इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। जिसकी अगुवाई रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने की थी। यह जांच रिपोर्ट 6 महीने पहले पेश की जा चुकी है। जो अब जाकर सार्वजनिक हो पाई है। रिपोर्ट में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई में भी देरी का जिक्र रिपोर्ट में किया गया है।
यह था मामला
बात 5 जनवरी 2022 की है। प्रधानमंत्री पंजाब दौरे पर थे, जब वे बठिंडा एयरपोर्ट से हुसैनीवाला सड़क मार्ग से जा रहे थे। तब उनका काफिला एक फ्लाईओवर पर आधे घंटे तक रुका था। भारत के इतिहास में यह पहली बार था जब प्रधानमंत्री के काफिले को इतनी देर लोगों ने रोक लिया हो। इसके बाद पंजाब से लौटते वक्त पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था पर तंज करते हुए अधिकारियों से कह दिया था कि अपने सीएम से कहना मैने धन्यवाद भेजा है, उनकी बदौलत आज मैं जिंदा वापस लौट पाया हूं।