दिल्ली के सिंघु बॉर्डर ( Delhi Singhu Border ) पर देर रात जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ( Climate activist Sonam Wangchuk ) समेत लद्दाख के करीब 126 लोगों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वांगचुक और उनके समर्थक लद्दाख को भारतीय संविधान ( indian constitution ) की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर हैं। इसी सिलसिले में वो दिल्ली की ओर मार्च कर रहे थे। इस दौरान, पुलिस ने दिल्ली में लागू भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता का हवाला देते हुए उन्हें हिरासत में लिया। धारा 163 के तहत पांच या अधिक लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर रोक है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह कार्रवाई की गई।
पुलिस की भारी तैनाती
सोमवार की शाम से ही बाहरी-उत्तरी जिला पुलिस ने सिंघु बॉर्डर पर सैकड़ों जवानों को तैनात कर दिया था, ताकि वांगचुक और उनके समर्थकों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जा सके। डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया। पुलिस ने महिलाओं को हिरासत में नहीं लिया, लेकिन मार्च में शामिल पुरुषों को रोककर हिरासत में लिया गया।
हिरासत में लिए जाने से पहले वांगचुक ने किया पोस्ट
हिरासत में लिए जाने से कुछ समय पहले, सोनम वांगचुक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी यात्रा की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी बसों को दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस द्वारा रोक दिया गया। वांगचुक ने कहा कि शुरुआत में उन्हें लगा कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए साथ चल रही है, लेकिन बाद में उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली सीमा पर एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे और लद्दाख भवन और लद्दाख के छात्रों के निवास स्थानों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
दिल्ली पुलिस का कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर जोर
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को जारी एक आदेश में कहा कि राजधानी के मध्य और सीमावर्ती इलाकों में अगले छह दिनों के लिए धारा 163 लागू रहेगी। इसके तहत किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन, पांच या उससे अधिक लोगों के एक साथ इकट्ठा होने, बैनर-तख्तियां लेकर चलने और हथियार रखने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह निर्णय कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है, विशेषकर राजधानी के संवेदनशील इलाकों में, जहां विरोध प्रदर्शनों की आशंका हो सकती है।
मार्च का क्या है उद्देश्य?
सोनम वांगचुक ( Sonam Wangchuk ) के नेतृत्व में यह मार्च लद्दाख को छठी अनुसूची ( Sixth Schedule ) में शामिल करने की पुरानी मांग के लिए था, जिससे क्षेत्र की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। हालांकि, दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई के बाद वांगचुक और उनके समर्थकों का विरोध प्रदर्शन फिलहाल थम गया है, लेकिन इसके भविष्य को लेकर सवाल बरकरार हैं।
दिल्ली पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई दिल्ली की सीमाओं में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से की गई, हालांकि यह देखना होगा कि वांगचुक और उनके समर्थकों की मांगें कैसे पूरी होती है।
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