Stock Market: हर कुंभ में क्यों गिरता है बाजार? जानें गिरावट का कारण
प्रयागराज में महाकुंभ मेला शुरू हो गया, लेकिन शेयर बाजार में गिरावट आई। सेंसेक्स में 1000 अंकों की गिरावट आई, जिससे 12 लाख करोड़ रुपो का नुकसान हुआ। कुंभ मेले के दौरान यह गिरावट हर बार देखने को मिलती रही है।
प्रयागराज में महाकुंभ मेला शुरू हो चुका है और 26 फरवरी तक चलेगा। पहले दिन लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई, लेकिन शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स में 1000 अंक और निफ्टी में 500 अंकों की गिरावट आई, जिससे निवेशकों को 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो दशकों में हुए कुंभ मेलों के दौरान सेंसेक्स में गिरावट देखने को मिली है। सैमको सिक्योरिटीज के विश्लेषण से यह साफ हो गया है कि कुंभ मेले और शेयर बाजार के बीच एक अजीबोगरीब संबंध है, जिससे बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है।
कुंभ मेला और शेयर बाजार का संबंध
महाकुंभ के दौरान भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का पैटर्न पिछले दो दशकों से देखा जा रहा है। सैमको सिक्योरिटीज द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, 2004 से आयोजित छह कुंभ मेलों में सेंसेक्स का औसत नुकसान 3.42% रहा है। इस दौरान हर बार बाजार में गिरावट दर्ज की गई, जो इस समय के आर्थिक माहौल के अनुरूप थी। कुंभ मेला और शेयर बाजार के बीच यह अजीब सहसंबंध क्या कारण हो सकता है, यह बाजार के इतिहास से स्पष्ट होता है।
सैमको सिक्योरिटीज के अनुसार, जब कुंभ मेला आयोजित होता है, तो धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण आर्थिक गतिविधियों में अस्थायी बदलाव आते हैं। इस समय, लाखों लोग तीर्थ यात्रा पर जाते हैं और उनकी आर्थिक प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। इस दौरान लोग त्याग और अध्यात्मिक भावनाओं में रहते हैं, जिससे निवेशकों की जोखिम उठाने की प्रवृत्ति कम हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप, शेयर बाजार में गिरावट का माहौल बनता है।
महाकुंभ के दौरान सेंसेक्स का प्रदर्शन Photograph: (the sootr)
बाजार की अजीब व्यवहारशक्ति
कुंभ मेला एक सांस्कृतिक और धार्मिक घटना है, जो बाजार के सामान्य पैटर्न से हटकर काम करती है। सैमको ने कहा कि यह गिरावट एक रीसेट की तरह काम करती है, जैसे पवित्र जल में स्नान करने से आत्मा को शुद्ध किया जाता है, वैसे ही यह गिरावट निवेशकों को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का मौका देती है।
सैमको सिक्योरिटीज ने इस पर भी प्रकाश डाला है कि कुंभ मेले के दौरान निवेशक को सतर्क रहना चाहिए। 12 वर्षीय बृहस्पति के चक्र के संदर्भ में यह देखा गया है कि बाजार अक्सर तर्कसंगत अर्थशास्त्र से परे कारकों से प्रभावित होता है। इस समय निवेशकों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने और जोखिम से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है।