Mumbai. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दो दिन पहले ट्विटर पर वर्ड पजल का संदेश डालकर अपने पूर्व कांग्रेसी साथियों पर सवाल उठाया था। उन्होंने अडाणी समूह की शैल कंपनियों में लगाए गए 20 हजार करोड़ की बेनामी रकम का सवाल उठाया था। बदले में अडाणी ग्रुप ने साल 2019 के बाद से अपनी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का विवरण सार्वजनिक किया है। इसमें बताया गया है कि कंपनियों में कैसे हिस्सेदारी बेचकर ग्रुप को 2.87 अरब डॉलर यानि 23 हजार 5 सौ 67 करोड़ रुपए मिले।
पीटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक अडाणी ग्रुप की ओर से बताया गया कि 2.87 अरब डॉलर की हिस्सेदारी बेचने से मिली रकम में से 2.55 अरब डॉलर 4 साल में व्यापार में लगाया जा चुका है। समूह ने यह भी बताया कि अबू धाबी स्थिति इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी जैसे बड़े निवेशकों ने भी अडाणी समूह की कंपनियों में निवेश किया है।
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समूह ने अपनी सफाई में बताया कि हिस्सेदारी बेचकर मिले फंड को अडाणी समूह की कंपनियों अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर जैसी कंपनियों की ग्रोथ के लिए इस्तेमाल किया गया है। समूह ने विदेशी मीडिया की उन रिपोर्ट्स को भी सिरे से खारिज किया है, ग्रुप ने इसे बर्बाद करने की प्रतिस्पर्धा करार दिया है।
बता दें कि विदेशी मीडिया की ओर से दावा किया गया था कि भारत के एफडीआई डेटा का एनालिसिस कर यह दावा किया गया कि अडाणी ग्रुप में जितना विदेशी निवेश आया उसका लगभग आधा हिस्सा उनके परिवार से जुड़ी ऑफशोर कंपनियों से ही आया है। इसी रिपोर्ट के आधार पर ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वर्ड पजल के जरिए सवाल उठाए थे। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अडाणी ग्रुप को मिले 5.7 अरब डॉलर कुल एफडीआई का 45.4 फीसद है। जिसमें काफी रकम बेनामी है।