New Delhi. लोकसभा सचिवालय ने आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी है। इस बड़े फैसले के बाद राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट कर कहा कि मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं, मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं। दरअसल सूरत की अदालत ने गुरुवार को ‘मोदी सरनेम’ को लेकर दिए गए बयान पर राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके अगले ही दिन लोकसभा सचिवालय की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई है।
हालांकि सूरत की अदालत ने उक्त मामले में तत्काल जमानत भी दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी थी। ताकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी फैसले को चुनौती दे सकें। इस बीच लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने का नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसके बाद पूरे देश और कांग्रेस पार्टी में खलबली मच चुकी है। कांग्रेस ने इस फैसले के खिलाफ आंदोलन छेड़ने की तैयारी कर ली है।
राहुल गांधी अकेले नहीं, और भी कई नेता खो चुके हैं सदन की सदस्यता, बीजेपी के विधायक भी लिस्ट में शामिल
सूरत कोर्ट के गुरुवार के फैसले पर भी राहुल गांधी ने ट्वीट किया था। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बयान को कोट करते हुए ट्वीट किया था कि मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। इस फैसले पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि कानूनी और राजनीतिक लड़ाई जारी रहेगी। साथ ही पार्टी ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
बीजेपी ने दिया स्पष्टीकरण
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस के आरोपों के बीच कहा है कि राहुल गांधी की अयोग्यता कानून के अनुसार हुई, जो कहता है कि सजा सुनाए जाने के समय से सदस्यता रद्द हो जाती है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या कांग्रेस राहुल की सदस्यता को लेकर गंभीर थी? कार्रवाई के कुछ घंटों के भीतर उसने पवन खेड़ा के मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन राहुल के मामले में ऐसा नहीं किया गया।