रेल हादसे में 300 लोगों की मौत के ये गुनहगार, कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की जांच रिपोर्ट में खुलासा; जानिए किस-किस को बताया जिम्मेदार ?

author-image
Sunil Shukla
एडिट
New Update
रेल हादसे में 300 लोगों की मौत के ये गुनहगार, कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की जांच रिपोर्ट में खुलासा; जानिए किस-किस को बताया जिम्मेदार ?

NEW DELHI. ओडिशा में 2 जून को हुए बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट (Odisha Train Accident) का कारण मानवीय चूक और कोरोमंडल एक्सप्रेस को गलत सिग्नल दिया जाना है। ये खुलासा बहानगा बाजार स्टेशन के पास हुए भीषण रेल हादसे की कमिश्नर रेल सेफ्टी की जांच में सामने आया है। दक्षिण-पूर्व रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर एएम चौधरी ने हादसे की जांच रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंप दी है। रिपोर्ट में बहानगा स्टेशन मास्टर की चूक और सिग्ननल के सिस्टम में कई खामियों की ओर इशारा किया गया है। रिपोर्ट में हादसे से जुड़ी कई बातों का खुलासा नहीं किया गया है। इसकी वजह सीबीआई जांच बताई जा रही है।



हादसे में करीब 300 जानें गईं, 1100 यात्री हुए घायल



ओडिशा के बालासोर में बहानगा बाजार स्टेशन के पास 2 जून 2023 को बड़ा रेल हादसा हुआ था। इसमें 2 यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी आपस में टकरा गई थी। इनमें से एक ट्रेन 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इसके बाद कोरोमंडल के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे। ये डिब्बे पास वाली लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए थे। इस भयावह हादसे में करीब 300 लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 1100 यात्री घायल हुए थे। ओडिशा रेल हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की जांच के अलावा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से भी जांच कराने का ऐलान किया था।



कैसे हुआ था हादसा ?



ओडिशा के बालासोर में 2 जून को ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के (शालीमार-चेन्नई) मेन लाइन से गुजर रही थी। उसे मेन लाइन से लूप लाइन में जाने का सिग्नल दिया गया। लूप लाइन पर जाते ही ट्रेन वहां पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। उस समय ट्रेन तेज स्पीड में थी और उसे रोकना संभव नहीं था। नतीजा ये हुआ कि ट्रेन के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए और इनमें से 3 डिब्बे डाउन लाइन पर चले गए। इसी समय डाउन लाइन से ट्रेन 12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही थी और उसकी कोरोमंडल के डिब्बों से टक्कर हो गई। इसके बाद हावड़ा एक्सप्रेस के भी 2 डिब्बे पटरी से उतर गए।



जांच में ये खामियां सामने आईं



publive-image



publive-image



publive-image




publive-image

दक्षिण-पूर्व रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर एएम चौधरी की बालासोर रेल हादसे पर जांच रिपोर्ट




कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की रिपोर्ट में इस एक्सीडेंट के लिए बहानगा बाजार के स्टेशन मास्टर की चूक के साथ सिग्ननल सिस्टम में गड़बड़ी को जिम्मेदार बताया गया है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक यदि बहानगा बाजार के स्टेशन मास्टर ने सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग के कर्मचारियों को 2 समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विच (Inter rout relay locking system) के बार-बार असामान्य व्यवहार की सूचना दी होती, तो FM हादसे को टाला जा सकता था। रिपोर्ट में सिग्नल के फेल होने और सिग्नल-टेलिकॉम (S&T) डिपार्टमेंट की कई खामियों की तरफ इशारा किया गया है।



स्टेशन मास्टर की क्या गलती की ?



जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नल का स्टेटस बदलने के लिए स्टेशन मास्टर एसबी मोहंती के सिग्नल स्विच-ऑन करने के बाद तुरंत सिग्नल बदल गया जबकि ऐसा होने में 14 सेकंड का समय लगना चाहिए था। लेकिन सिग्नल तुरंत बदल गया जो असामान्य था। स्टेशन मास्टर को इस पर तत्काल ध्यान देकर एस एंड टी के कर्मचारियों को सूचित करना चाहिए था। सिग्नल में अचानक बदलाव इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की खामी थी क्योंकि ट्रैक की ग्राउंड पोजीशन तत्काल नहीं बदलती है। स्विच ऑन करने का बाद इसमें कुछ समय लगता है। स्टेशन मास्टर को इस प्रकिया की जानकारी होती है। यदि वे सिग्नल का असामान्य व्यवहार देखकर तत्परता और सतर्कता दिखाते तो तेज रफ्तार कोरोमंडल एक्सप्रेस को लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकराने से रोका जा सकता था।



सिग्नल के बारे में पिछली चेतावनी को भी नजरअंदाज किया



जांच में ये बात भी सामने आई है कि बहानगा बाजार स्टेशन पर लेवल क्रॉसिंग गेट 94 पर 'इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर' को बदलने के लिए सर्किट डायग्राम न देना एक गलत कदम था, जिसके कारण गलत वायरिंग हुई। इसी वजह से सिग्नल सिस्टम में गड़बड़ी हुई। इसी तरह गलत वायरिंग और सिग्नल केबल की खराबी के कारण पिछले साल 16 मई 2022 को दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के बंकरनयाबाज स्टेशन पर भी ऐसी ही घटना हुई थी। जांच में लिखा गया है कि सिग्नल सिस्टम में इस तरह की गड़बड़ी को लेकर जारी की गई पिछली चेतावनी को ध्यान में रखा जाता तो रेल हादसे से बचा जा सकता था।



ये खबर भी पढ़िए..



पीएम मोदी की शहबाज शरीफ के सामने आतंकवाद पर दो टूक, बोले- कुछ देशों ने अपनी नीतियों में क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म को शामिल कर रखा है



जांच में क्या पता चला



रेलवे सेफ्टी कमिश्नर की जांच में सामने आया है कि सिग्नलिंग सिस्टम में खामियों के बावजूद क्रॉसओवर 17 A/B पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग गड़बड़ी का पता लगाया जा सकता था। क्रॉसओवर 17 ए/बी वो पॉइंट है जिससे होकर कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा स्टेशन पर मेन लाइन पर न जाकर लूपलाइन पर चली गई। इस तरह ट्रेन लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। उसके कई डिब्बे पटरी से उतरकर डाउन लाइन तक बिखर गए।


Odisha train accident Odisha train accident report railway safty commissioner report on balasore accident 300 people died in the train accident ओडिशा ट्रेन दुर्घटना ओडिशा ट्रेन दुर्घटना रिपोर्ट बालासोर दुर्घटना पर रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट ट्रेन दुर्घटना में 300 लोगों की मौत