NEW DELHI. भारतीय रेलवे यात्री सुविधाओं में लगातार वृद्धि कर रहा है। इसी क्रम में रेलवे ने यात्रियों को बड़ी सौगात दी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पीलीभीत- शाहगढ़-मैलानी रेल खंड के गेज परिवर्तन (छोटी से बड़ी लाइन) को राष्ट्र को समर्पित किया हैं। साथ ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से विशेष गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर पीलीभीत-शाहगढ़-मैलानी खंड पर नई ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, आप लोगों के इच्छाओं के अनुसार पीलीभीत को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोड़ा जा रहा है, जिसका श्रेय आपके सांसद जितिन प्रसाद को जाता है। साथ ही ट्रेन सेवा के शुभारंभ पर खुशी जताते हुए रेल मंत्री ने केन्द्रीय राज्यमंत्री और सांसद पीलीभीत जितिन प्रसाद के प्रयासों की प्रशंसा की।
यह डबल इंजन सरकार की देन
रेल मंत्री वैष्णव ने आगे कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रूहेलखंड क्षेत्र के आवंला, बदायूं, बहेड़ी, बरेली, बरेली सिटी, धामपुर, इज्जतनगर, मुरादाबाद, पीलीभीत जंक्शन, रामपुर जंक्शन, नगीना, सहारनपुर स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 157 रेलवे स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्निर्माण किया जा रहा है, यह डबल इंजन सरकार की देन है।
यूपी के रेल विकास पर बोले अश्विनी वैष्णव
रेल मंत्री ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए लगातार रेलवे में बजट आवंटन में लगातार वृद्धि की है। साल 2024-25 के बजट में 19,848 करोड़ रुपए का आवंटन उत्तर प्रदेश में रेल विकास और विस्तार के लिए किया गया है, जो कि साल 2009-14 के उत्तर प्रदेश के लिए औसत बजट आवंटन से 18 गुना ज्यादा है।
10 साल में यूपी में 4900 km नई लाइन
यूपी में रेल विकास कार्यों को लेकर रेल मंत्री ने आगे कहा कि पिछले 10 साल में उत्तर प्रदेश में 4900 किलोमीटर नई लाइन बिछाई गई है। उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड का कुल रेल नेटवर्क 5 हजार किमी है, जो पीएम मोदी के पहले और दूसरे कार्यकाल में यूपी में बिछाए गए कुल रेल नेटवर्क के लगभग बराबर है। रेल मंत्री ने कहा कि तीसरे कार्यकाल में तीन गुना ज्यादा मेहनत से कार्य किया जा रहा है।
पूर्वोत्तर रेलवे को मिला वैकल्पिक मार्ग
बता दें कि पीलीभीत- मैलानी- पीलीभीत (67.92 किमी) बड़ी रेल लाइन रूट पर ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू हो गया है। गेज परिवर्तन (छोटी से बड़ी लाइन) के बाद इस रूट से पूर्वोत्तर रेलवे को एक वैकल्पिक मार्ग मिल गया है। अब ट्रेनें मैलानी- पीलीभीत से होते हुए टनकपुर और काठगोदाम तक चल सकेंगी। अब मां पूर्णागिरि की यात्रा आसान होगी साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
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