JAIPUR. भारतीय रेलवे आपके साथ धोखा दे रहा है। सुविधाओं के नाम पर आपके पैसे लेने के बाद भी आपको सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। राजस्थान के सबसे बड़े जंक्शन जयपुर से चलने वाली ट्रेनों के एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को गंदी चादर और तकिये दिए जा रहे हैं। अफसरों ने बिना जांच किए ऐसी कंपनी को टेंडर दे दिया, जिसकी जयपुर में खुद की कोई लॉन्ड्री या धुलाई का प्लांट ही नहीं है। इसका खामियाजा अब यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
ऋषि एंटरप्राइजेज कंपनी को दिया गया टेंडर
रेलवे के अफसरों ने ऋषि एंटरप्राइजेज कंपनी को बेडशीट और तकिये धोने के लिए 4 करोड़ 31 लाख टेंडर दिया था। इस कंपनी के पास खुद की लॉन्ड्री और धुलाई प्लांट ही नहीं है, इसलिए यात्रियों को गंदे तकिये और चादर दिए जा रहे हैं।
ट्रेन में मिले तकिये और चादर
जयपुर से इंदौर जाने वाली ट्रेन के एसी कोच में कंबल, तकिया और लिफाफे में 2 चादर रखी हुई थी। कंबल से बदबू आ रही थी। चादर और तकिये पर चाय जैसे दाग दिखाई दे रहे थे। अटेंडेंट ने बताया कि तकिये महीने में 1 बार धोए जाते हैं। रोज सिर्फ इनका कवर बदला जाता है। फिलहाल इस कंपनी को 3 ट्रेनों के चादर-तकियों की धुलाई का काम सौंपा गया है। टेंडर मिलने के बाद कंपनी ने हाल ही में हसनपुरा में एनबीसी फैक्ट्री के पीछे एक किराए के मकान में प्लांट लगाने की तैयारी की है, जहां अभी बिजली कनेक्शन ही नहीं है।
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अभी कहां धोए जा रहे चादर-तकिये
ऋषि एंटरप्राइजेज खुद का प्लांट नहीं होने पर अलग-अलग धोबियों से चादर और तकिये के कवर और कंबल धुलवा रहा है। एक प्राइवेट लॉन्ड्री में रेलवे की बेडशीट धोई जा रही थीं और प्रेस की जा रही थीं। लॉन्ड्री की मशीनें काफी पुरानी थी और उन पर जंग तक लग चुकी थी। रेलवे के नियमों के मुताबिक रेलवे का काम जनरल कॉन्ट्रेक्ट कंडीशन के तहत दूसरी फर्म को नहीं दिया जा सकता। रेलवे के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।