देश में शादी के दौरान दहेज लेना और इसके लिए लड़की पक्ष को प्रताड़ित करना एक गंभीर सामाजिक समस्या है। रोजाना दहेज के कारण टूटने वाली शादियों, घरेलू हिंसा और शोषण के मामले सामने आते हैं। ऐसे में राजस्थान में एक आईपीएस और आईएएस अफसर की जोड़ी ने समाज में बदलाव लाने की एक नई शुरुआत की है। इस दंपति ने अपनी शादी में दहेज न लेने की पहल करते हुए केवल 1 रुपए में विवाह संपन्न कर समाज को एक मजबूत संदेश दिया है।
कौन हैं ये IPS- IAS कपल?
यह दंपति राजस्थान के आईपीएस राजकुमार मीणा और आईएएस भारती मीणा हैं। आईपीएस राजकुमार मीणा मूल रूप से सुरतपुरा के निवासी हैं, जबकि उनकी दुल्हन भारती मीणा भरतपुर जिले से ताल्लुक रखती हैं। दहेज के खिलाफ संदेश देने के लिए उन्होंने विवाह को पूरी तरह से सरल और पारंपरिक रूप में रखा। आईपीएस राजकुमार के परिवार ने लड़की पक्ष से शादी के लिए किसी भी तरह की आर्थिक मांग नहीं की और केवल शगुन के रूप में 1 रुपए व नारियल लेकर विवाह संपन्न किया।
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क्यों उठाया यह कदम?
आईपीएस राजकुमार मीणा के चाचा कांजी मीणा, जो कि आदिवासी समाज के जिला उपाध्यक्ष हैं, ने इस पहल के पीछे की वजह बताई। उन्होंने कहा कि समाज में हमेशा से यह चर्चा होती रही है कि दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए सबसे पहले प्रभावशाली और उच्च पदस्थ लोगों को आगे आना होगा। जब यह बात बार-बार सामने आई, तो राजकुमार मीणा के परिवार ने निर्णय लिया कि वे इस बदलाव की शुरुआत खुद से करेंगे। समाज में उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए उन्होंने बिना दहेज शादी करने का फैसला लिया।
समाज को क्या संदेश मिला?
इस विवाह से पूरे समाज में एक सकारात्मक संदेश गया है। उच्च पदों पर बैठे लोग यदि दहेज प्रथा के खिलाफ इस तरह से कदम उठाएंगे, तो अन्य मध्यम और गरीब वर्ग के लोग भी इस पर अमल करने के लिए प्रेरित होंगे। यह शादी दिखाती है कि सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर बदलाव लाने की जरूरत है। इस पहल से अन्य परिवारों को भी सीखने और बिना दहेज के विवाह करने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
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क्या इससे दहेज प्रथा समाप्त हो पाएगी?
हालांकि, यह पहल केवल एक शुरुआत है, लेकिन इसने समाज में एक नई सोच को जन्म दिया है। यदि ज्यादा से ज्यादा लोग इस विचारधारा को अपनाते हैं, तो निश्चित रूप से दहेज प्रथा पर लगाम लगाई जा सकती है। इस शादी की चर्चा सोशल मीडिया पर भी तेजी से फैल रही है, जिससे यह संदेश दूर-दूर तक पहुंच रहा है। दहेज मुक्त विवाह के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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