विवादित बयान पर घिरे बाबा रामदेव, कहा- महिलाएं साड़ी या सलवार-सूट में अच्छी लगती हैं, मेरी तरह न पहनें तो भी अच्छी लगती हैं

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Vivek Sharma
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विवादित बयान पर घिरे बाबा रामदेव, कहा- महिलाएं साड़ी या सलवार-सूट में अच्छी लगती हैं, मेरी तरह न पहनें तो भी अच्छी लगती हैं

Pune. अक्सर सुर्खियों में रहने वाले बाबा रामदेव ने एक बार विवादित बयान दिया है। उनका यह बयान सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। शनिवार को पुणे के योग शिविर में उन्होंने कहा कि महिलाएं साड़ी और सलवार-सूट में भी अच्छी लगती हैं। मेरी तरह कुछ ना भी पहनें तो भी अच्छी लगती हैं। खास बात यह है कि रामदेव के साथ मंच पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता भी मौजूद थीं। बाबा रामदेव के इस बयान दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने कहा कि बाबा को देश की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।





आखिर क्या कहा रामदेव ने





वीडियो में वे कह रहे हैं- बहुत बदनसीब हैं आप। सामने के लोगों को साड़ी पहनने का मौका मिल गया, पीछे वालों को मिला ही नहीं। आप साड़ी पहन के भी अच्छी लगती हैं, सलवार-सूट में भी अमृता जी की तरह अच्छी लगती हैं और मेरी तरह कोई ना भी पहने तो भी अच्छी लगती हैं। अब तो लोग लोक लज्जा के लिए पहन लेते हैं। बच्चों को कौन कपड़े पहनाता है। पहले हम तो आठ-दस साल तक तो ऐसे ही नंगे घूमते रहते थे। ये तो अब जाकर पांच-लेयर बच्चों के कपड़ों पर आई है। उन्होंने लोगों से लंबी उम्र जीने के लिए अमृता फडणवीस की तरह खुश और मुस्कुराते रहने का भी आग्रह किया। रामदेव का कार्यक्रम ठाणे शहर के हाइलैंड पार्क में आयोजित किया गया था। जिसे योग शिविर और प्रांतीय महिला सम्मेलन का नाम दिया गया था। रामदेव ने शिविर के बाद यह बयान दिया था। बाबा ने अमृता फडणवीस की तारीफ करते हुए कहा कि वह 100 वर्ष तक बोल ही नहीं होंगी वह हमेशा बच्चों की तरह हंसती रहती हैं।





दिल्ली महिला आयोग सख्त





मामले ने तूल पकड़ा तो दिल्ली महिला आयोग ने स्वाती मालीवाल ने इस बयान को महिला विरोधी बताते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की पत्नी के सामने बाबा रामदेव ने जो टिप्पणी की है वह अमर्यादित और निंदनीय है। इस बयान से सभी महिलाएं आहत हुई हैं। बाबा रामदेव को देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए।





संजय राउत  भी भड़के,  अमृता फडणवीस से पूछा सवाल





इधर, रामदेव के इस बयान के बाद सियासत भी तेज हो गई है। उद्धव गुट के शिवसेना नेता संजय राउत ने पूछा कि अमृता फडणवीस ने बाबा की टिप्पणियों का विरोध क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा- जब राज्यपाल शिवाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के गांवों को अपनी राज्य की सीमा में मिलाने की धमकी देते हैं, अब बीजेपी प्रचारक रामदेव महिलाओं का अपमान करते हैं, तो सरकार चुप रहती है। क्या सरकार ने अपनी जुबान दिल्ली के पास गिरवी रख रखी है? 





पहले भी विवादों रहे हैं  रामदेव





ये पहले मौका नहीं है जब बाबा रामदेव विवादों में रहे हों। इससे पहले कोरोना के लिए बनाई गई अपनी दवा की लॉन्चिंग के दौरान भी रामदेव ने डॉक्टर्स को हत्यारा कहा था। मामले में IMA ने रामदेव को एक लीगल नोटिस भेजा था और उन पर मुकदमा चलाए जाने की बात कही थी। इतना ही नहीं 2021 में कोरोना महामारी के दौरान बाबा ने कहा था कि जितने लोगों की मौत बेड और ऑक्सीजन नहीं मिलने से हुई। उससे कई ज्यादा मौतें एलोपैथिक दवाइयां लेने के बाद भी हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि करीब एक हजार डॉक्टरों की मौत वैक्सीन की दोनों डोज लेने के कारण हुई। बाबा के इस बयान के बाद पूरे देश में डॉक्टरों और नर्सों ने हाथ में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया था।



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