आरबीआई का बड़ा फैसला : 6.6 रहेगी GDP, ब्याज दरों में भी राहत नहीं
आरबीआई ने GDP वृद्धि का अनुमान घटाकर 6.6% कर दिया है और ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। महंगाई और घटती डिमांड पर ध्यान देते हुए यह फैसला लिया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2025 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.6% कर दिया है, जो पहले 7.2% था। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए बताया कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह फैसला भारत की आर्थिक वृद्धि दर के जुलाई-सितंबर तिमाही में गिरकर 5.4% पर पहुंचने के बाद लिया गया।
आर्थिक स्थिति का विश्लेषण
सितंबर तिमाही में GDP वृद्धि दर सात तिमाहियों के सबसे निचले स्तर पर थी। यह गिरावट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चुनिंदा क्षेत्रों तक सीमित रही। शक्तिकांत दास ने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था में धीमापन "निचले स्तर" पर पहुंच गया है, लेकिन इसका असर व्यापक नहीं है।
महंगाई और डिमांड पर असर
आरबीआई ने ब्याज दरों को स्थिर रखने का निर्णय लिया है ताकि महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सके। बढ़ती महंगाई और घटती डिमांड को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई के मोर्चे पर लगातार सतर्क रहना आवश्यक है।
भविष्य की संभावनाएं
गवर्नर ने संकेत दिया कि आने वाले समय में डिमांड को बढ़ाने के लिए अन्य उपायों पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी और कच्चे तेल की कीमतों में उथल-पुथल का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
FAQ
आरबीआई ने GDP वृद्धि का अनुमान क्यों घटाया है?
जुलाई-सितंबर तिमाही में GDP वृद्धि 5.4% पर गिरने के कारण।
क्या आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है?
नहीं, ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया।
महंगाई पर आरबीआई की क्या रणनीति है?
महंगाई नियंत्रण के लिए ब्याज दरों को स्थिर रखा गया है।
GDP में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चुनिंदा क्षेत्रों की कमजोरी।
आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य क्या है?
आर्थिक स्थिरता बनाए रखना और महंगाई को नियंत्रित करना।