खुदरा महंगाई दर ने पार किया साढ़े 6 फीसद का आंकड़ा, कर्ज फिर हो सकता है महंगा, दिसंबर में 5.72 फीसद थी महंगाई दर

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
खुदरा महंगाई दर ने पार किया साढ़े 6 फीसद का आंकड़ा, कर्ज फिर हो सकता है महंगा, दिसंबर में 5.72 फीसद थी महंगाई दर

New Delhi. जनवरी में आम आदमी पर एक बार फिर से महंगाई का बोझ बढ़ा है। जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर एक बार फिर 6 ही नहीं बल्कि साढ़े छह फीसद के पार जा पहुंची है। जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर बड़ी उछाल के साथ 6.52 फीसद पर जा पहुंची है। जबकि दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 5.72 प्रतिशत रही थी । जनवरी 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.01 परसेंट रही थी।



ये है खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी की वजह




खुदरा महंगाई दर में इजाफे के कारणों पर गौर करें तो जनवरी में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.94 फीसदी पर जा पहुंची है जो दिसंबर 2022 में 4.19 फीसदी रही थी। मतलब खाने-पीने की चीजें जनवरी में महंगी हुई हैं, जनवरी 2022 में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.43 फीसदी रही थी। जनवरी 2023 में महंगे दूध का असर खुदरा महंगाई दर पर नजर आ रहा है, दूध और उससे बनने वाले प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 8.79 फीसदी रही है।



मसाले भी महंगे हुए हैं और उनकी महंगाई दर 21.09 फीसदी रही है। सीरल्स और प्रोडक्टस की महंगाई दर 16.12 फीसदी रही, जबकि मीट और मछली की महंगाई दर 6.04 फीसदी, अंडे की 8.78 फीसदी रही है। साग-सब्जियों की महंगाई दर नेगेटिव में है और ये -11.70 फीसदी रही वहीं फलों की महंगाई दर 2.93 फीसदी रही, दालों की बात की जाए तो उनकी महंगाई दर 4.27 फीसदी रही है।




  • यह भी पढ़ें 


  • 21 की उम्र में डिंपल यादव को दिल दे बैठे थे अखिलेश, परिवार की नाराजगी भी झेली लेकिन आखिरकार दो दिल मिल ही गए



  • फिर बढ़ सकती है रेपो रेट




    खुदरा महंगाई दर का बढ़ना खतरे की घंटी है, इससे पहले नवंबर और दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर के टोलरेंस बैंड 6 फीसदी के नीचे आ गया था। इसके बावजूद आरबीआई ने 8 फरवरी 2023 को रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर उसे 6.50 फीसदी कर दिया, अब जब फिर से खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के बाहर जा पहुंचा है तो फिर से कर्ज के और महंगे होने का खतरा बढ़ गया है। अप्रैल 2023 में आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक होगी जिसमें रेपो रेट पर फैसला लिया जाएगा।



    क्या होती है खुदरा महंगाई दर




    थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर देश की महंगाई दर को आंका जाता है। इस सूचकांक का इस्तेमाल उन उत्पादों की औसत कीमत स्तर में बदलाव आंकने के लिए किया जाता है, जिनका कारोबार थोक बाजार में होता है। डब्ल्यूपीआई के जरिए 40 से ज्यादा कमोडिटी पर निगाह रखी जाती है। चीजें महंगी होती हैं तो खुदरा महंगाई दर का सूचकांक अपने आप बढ़ जाता है। कीमतें घटती हैं तो यह कम भी हो जाता है । 


    Retail inflation increased figure of 6.5 in January loan may be expensive again खुदरा महंगाई दर बढ़ी जनवरी में पर किया 6.5 का आंकड़ा कर्ज फिर हो सकता है महंगा