Retail inflation : खुदरा महंगाई दर में बड़ी राहत, 67 महीने के निचले स्तर पर आई
मार्च 2025 में देश की खुदरा महंगाई दर घटकर 3.34 फीसदी रह गई, जो बीते 67 महीनों का सबसे निचला स्तर है। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस के आंकड़ों के मुताबिक, यह अगस्त 2019 के बाद की सबसे कम साल-दर-साल महंगाई दर है।
मार्च 2025 में देश में खुदरा महंगाई दर 3.34 फीसदी पर आ गई, जो पिछले 67 महीनों में सबसे निचला स्तर है। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) के डेटा के अनुसार, यह पिछले अगस्त 2019 के बाद सबसे कम साल-दर-साल महंगाई है। खाद्य पदार्थों की महंगाई में भी गिरावट आई है, जिससे आम लोगों को महंगाई के मोर्चे पर राहत मिली है।
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महंगाई में गिरावट के प्रमुख कारण
मार्च में महंगाई दर में कमी का मुख्य कारण सब्जियों, अंडों, दालों, मांस, मछली, अनाज और दूध के दामों में गिरावट है। इससे पहले फरवरी में यह दर 3.61 फीसदी थी। मार्च में यह लगातार दूसरा महीना है जब महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 4 फीसदी के लक्ष्य से नीचे रही है।
मार्च में खाद्य महंगाई दर घटकर 2.69 फीसदी पर आ गई, जबकि फरवरी में यह 3.75 फीसदी थी। वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई दर 4.6 फीसदी रही, जबकि 2023-24 में यह 5.4 फीसदी थी। इस गिरावट से उपभोक्ताओं को रोजमर्रा की चीजों के दामों में राहत मिली है।
आरबीआई का महंगाई अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई के अनुमान को घटाकर 4 फीसदी कर दिया है। पहले यह अनुमान 4.2 फीसदी था। आरबीआई का मानना है कि अगले साल महंगाई 4 फीसदी तक कम हो सकती है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई का अनुमान 4 फीसदी रखा गया है, जिसमें तिमाही के हिसाब से बदलाव की उम्मीद जताई गई है।
मार्च 2025 में थोक महंगाई (डब्ल्युपीआई) भी घटकर 2.05 फीसदी हो गई, जबकि फरवरी में यह 2.38 फीसदी थी। इस गिरावट से व्यापारियों और उत्पादकों के लिए भी राहत का माहौल बना है।