दो-तीन बच्चे पैदा करना जरूरी, वरना मानवता आएगी खतरे में : मोहन भागवत

जहां एक ओर संसद से लेकर सड़कों पर बीजेपी के कई नेता देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की बात कर रहे हैं। वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या वृद्धि पर जोर देने की बात कही है। भागवत ने कहा कि हमारे लिए यह जरूरी है कि दो या तीन बच्चे पैदा किए जाएं।

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Sandeep Kumar
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RSS Chief Mohan
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भारत में Population ( जनसंख्या ) में वृद्धि को लेकर RSS Chief Mohan Bhagwat ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या दर में गिरावट चिंता का विषय है। महाराष्ट्र में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  मोहन भागवत ने कहा कि अगर जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे हुई, तो यह समाज के लिए बड़ा खतरा होगा और मानवता खतरे में आ सकती है। संघ प्रमुख का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंदुओं की जनसंख्या में 7.8 फीसदी की कमी आई है। वहीं पड़ोसी देशों में जनसंख्या बढ़ी है।

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दो-तीन बच्चे होने चाहिए : मोहन भागवत

Mohan Bhagwat ने कहा, दो से तीन बच्चे होने चाहिए क्योंकि समाज को जीवित रहना चाहिए। हमारे देश की Population Policy 1998 या 2002 में तय की गई थी। इसमें भी यह कहा गया था कि किसी समाज की जनसंख्या दर 2.1 से नीचे नहीं होनी चाहिए।

आबादी का घटना चिंता का विषय

मोहन भागवत ने कहा, आधुनिक जनसंख्या विज्ञान कहता है कि जब जन्म दर 2.1 से नीचे जाती है तो फिर धरती से मानवता ही खत्म होने का खतरा पैदा हो जाता है। ऐसी स्थिति में समाज खत्म हो जाता है, जबकि उसके आगे कोई प्रत्यक्ष संकट नहीं होता। ऐसी स्थिति में कई भाषाओं और सभ्यताओं के खत्म होने का खतरा होता है। आबादी का घटना चिंता का विषय बनता जा रहा है।

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देश में हो रही जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बहस

बीजेपी के कई नेता देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की बात कर रहे हैं। लेकिन संघ प्रमुख जनसंख्या वृद्धि पर जोर दे रहे हैं। कुछ दिन पहले ही राजस्थान से बीजेपी के विधायक बालमुकुंदाचार्य ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाना जरूरी है। उन्होंने विशेष समुदाय को लेकर टिप्पणी की थी और कहा था कि जनसंख्या वृद्धि ही विकास की गति में रुकावट पैदा कर रहा है।

जनसंख्या प्रजनन दर में लगातार गिरावट

एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में जनसंख्या प्रजनन दर में लगातार गिरावट हो रही है। आजादी के बाद 1950 में भारत में जनसंख्या वृद्धि दर 6.2 थी लेकिन अब यह घटकर 2.2 पर पहुंच गई है। अगर ऐसा ही रहा तो 2050 तक भारत में जनसंख्या वृद्धि दर 1.3 रह जाएगी। मोहन भागवत का बयान ऐसे में काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। 

FAQ

मोहन भागवत ने जनसंख्या वृद्धि को लेकर क्या कहा है?
मोहन भागवत ने कहा कि समाज को जीवित रहने के लिए दो से तीन बच्चों का होना जरूरी है। जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे मानवता के अस्तित्व को खतरा हो सकता है।
जनसंख्या नियंत्रण कानून की चर्चा क्यों हो रही है?
बीजेपी के कई नेता जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं, यह मानते हुए कि जनसंख्या वृद्धि विकास की गति में रुकावट पैदा कर रही है। कुछ नेताओं ने इसे विशेष समुदायों के संदर्भ में भी संबोधित किया है।
भारत में जनसंख्या वृद्धि दर कैसी है?
भारत में जनसंख्या वृद्धि दर स्वतंत्रता के बाद से घटकर 2.2 पर पहुंच गई है, जो 1950 में 6.2 थी। यदि यह गिरावट जारी रहती है, तो 2050 तक यह 1.3 तक पहुंच सकती है।
क्या संघ प्रमुख का बयान वर्तमान जनसंख्या नीति के अनुरूप है?
हां, भागवत ने कहा कि भारत की जनसंख्या नीति 1998 या 2002 में निर्धारित की गई थी, जिसमें 2.1 जनसंख्या वृद्धि दर को बनाए रखने की बात कही गई थी। उनके बयान को इस संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आधुनिक जनसंख्या विज्ञान के अनुसार जनसंख्या घटने का क्या खतरा है?
भागवत ने बताया कि जब जन्म दर घटती है, तो यह मानवता के अस्तित्व को खतरे में डाल सकती है। इससे कई भाषाओं और सभ्यताओं के खत्म होने की संभावना बढ़ जाती है।

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