धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक दृष्टि से भी अद्भुत है रूद्राक्ष, इसकी माला में होते हैं डायइलेक्ट्रिक गुण, जानिए रूद्राक्ष पहनने के लाभ

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The Sootr
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धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक दृष्टि से भी अद्भुत है रूद्राक्ष, इसकी माला में होते हैं डायइलेक्ट्रिक गुण, जानिए रूद्राक्ष पहनने के लाभ

BHOPAL. रूद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से मानी जाती है। रुद्राक्ष दो शब्दों से मिलकर बना है, रूद्र+अक्ष, जिसमें रूद्र अर्थात भगवान शंकर और अक्ष यानी अश्रु। वैज्ञानिक अध्ययन साबित करते हैं कि रुद्राक्ष की माला में डायइलेक्ट्रिक गुण होते हैं, जो पॉजिटिव ऊर्जा को स्टोर करने के लिए जाने जाते हैं। जब भी हम शारीरिक या मानसिक रूप से तनावग्रस्त होते हैं, तो उस वक्त हमारा शरीर ज्यादा ऊर्जा पैदा करता है, जिसे अगर स्टोर या बर्न न किया जाए, तो ब्लड प्रेशर, चिंता, अवसाद जैसी कई समस्याएं बढ़ती हैं। ऐसे में रुद्राक्ष की माला इस अनचाही ऊर्जा को स्थिर कर तंत्रिका तंत्र में सुधार और हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती है। बता दें कि 1 मुखी माला व्यक्ति को धैर्यवान, 4 और 6 मुखी माला बुद्धिमान और 9 मुखी रूद्राक्ष की माला कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ाती है। 





दिल के दौरे और हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए है लाभप्रद





तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण व्यक्ति कई रोगों का शिकार हो जाता है। ऐसे में रुद्राक्ष शरीर को स्थिर कर और दिल और इंद्रियों पर प्रभाव डालकर इन समस्याओं को हल करता है। रुद्राक्ष की माला पहनना न केवल ह्रदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि इससे ब्लड सुकर्लेशन भी ठीक बना रहता है। दिल के दौरे और हाई ब्लड प्रेशर के लिए यह सबसे अच्छा उपचार है। 





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दर्द और बीमारी को दूर करने की क्षमता रखता है रुद्राक्ष 





रुद्राक्ष के मोती डायनामिक पोलेरिटी गुणों की वजह से एक चुंबक की तरह काम करते हैं। चुंबकीय प्रभाव के कारण रुद्राक्ष शरीर की अवरुद्ध धमनियों और नसों में रूकावट को दूर करता है। इसे पहनने से ब्लड फ्लो भी अच्छे से होता है। खास बात यह है कि रुद्राक्ष की माला में शरीर में होने वाले किसी भी तरह के दर्द और बीमारी को दूर करने की क्षमता है। 





धर्म शास्त्रों के अनुसार क्या है रूद्राक्ष का महत्व?





धर्म शास्त्रों में मिलने वाली पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव के आंसू जिन-जिन स्थानों पर गिरे वहां पर रूद्राक्ष के वृक्षों की उत्पत्ति हुई। रूद्राक्ष के वृक्ष में सर्वत्र मूल, त्वचा, शाखा, पत्ता, फल और फूल सभी में रूद्र अर्थात भगवान शिव का वास होता है। प्राचीन समय से ही ऋषि-मुनियों के द्वारा रूद्राक्ष की माला से जाप और धारण किया जाता है। रूद्राक्ष के धार्मिक महत्व के बारे में तो सभी जानते हैं। रूद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के सभी दुखों का अंत होता है और भगवान शिव की कृपा से जातक की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ज्योतिष के अनुसार ग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी रूद्राक्ष की माला से जाप करना सबसे उत्तम माना जाता है। धार्मिक ज्योतिष महत्व होने के साथ ही स्वास्थ्य से भी गहरा संबंध है।  



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