क्या पुतिन का मल-मूत्र भी भारत में नहीं छोड़ेगा रूस... किले जैसी कार, खाना बनाने वाले भी रूस से आते हैं!

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे में उनकी सिक्योरिटी चर्चा का विषय बन गई है। पुतिन के मल-मूत्र को एक विशेष सूटकेस में इकट्ठा किया जाता है। वजह जानकर चौक जाएंगे आप!

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Amresh Kushwaha
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NEW DELHI. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे ने दो देशों के रिश्तों में नई गर्माहट भर दी है। इस पूरे दौरे की सबसे बड़ी चर्चा पुतिन की सुपर सीक्रेट सिक्योरिटी है। उनकी सिक्योरिटी किसी साइंस फिक्शन फिल्म से कम नहीं लगती।

रूसी राष्ट्रपति की सिक्योरिटी के लिए कई अतरंगी हथकंडे अपनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक होता है पूप-ब्रीफकेस। इस सूटकेस में पुतिन का मल-मूत्र इकट्ठा किया जाता है। कहा जाता है कि पुतिन की टीम ऐसा इसलिए करती है, ताकि कोई विदेशी एजेंसी उनके स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी न जुटा सके। यही नहीं, टीम रूस से ही एक मोबाइल बाथरूम यूनिट लेकर आती है, जिसे वहां इंस्टॉल किया जाता है, जहां पुतिन रुकते हैं।

पुतिन जब अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले थे, तब भी उनके सुरक्षाकर्मी एक खास सूटकेस लेकर पहुंचे थे। फ्रांसीसी मैगजीन पेरिस मैच के मुताबिक, यह सुरक्षा प्रोटोकॉल नया नहीं है। 2017 में फ्रांस यात्रा और वियना दौरे के दौरान भी पुतिन के साथ पूप-ब्रीफकेस ले जाया गया था।

क्या कहती हैं रिपोर्ट्स

Paris Match की रिपोर्ट कहती है कि जब पुतिन विदेश यात्रा पर होते हैं, तब उनका मल-मूत्र विशेष सील्ड बैग में इकट्ठा किया जाता है और एक खास ब्रीफकेस में पैक कर उसे रूस वापस भेजा जाता है। The Independent में वर्ष 2022 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन के साथ यह सुरक्षा प्रोटोकॉल इसलिए है, ताकि कोई विदेशी एजेंसी उनके स्वास्थ्य से जुड़े डीएनए या मेडिकल डेटा हासिल न कर सके। हालांकि रूसी राष्ट्रपति ऑफिस यानी क्रेमलिन हमेशा इन बातों को खारिज करता रहा है।

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मल-मूत्र से क्या-क्या पता चल सकता है?

पुतिन की सिक्योरिटी: विशेषज्ञों के अनुसार मल-मूत्र के सैंपल से डीएनए और माइक्रोबायोम एनालिसिस, कैंसर, डायबिटीज, हॉर्मोनल गड़बड़ी जैसी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। ये भी जानकारी जुटाई जा सकती है कि कहीं पुतिन को किडनी-लिवर संबंधी समस्याएं तो नहीं हैं? न्यूरोलॉजिकल बीमारी की स्थिति भी पता की जा सकती है।

इस तरह की जानकारी के लीक होने से किसी भी देश के शीर्ष नेतृत्व की राजनीतिक और रणनीतिक विश्वसनीयता डगमगा सकती है। यही वजह है कि पुतिन का मल-मूत्र भी ‘नेशनल सिक्योरिटी’ का हिस्सा माना जाता है।

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पुतिन के स्वास्थ्य पर शंकाएं

पुतिन की सेहत को लेकर दुनिया भर में समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। पिछले साल कजाकिस्तान में प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच उनके पैरों की असामान्य हलचल और बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको से मुलाकात के वक्त कुर्सी पर हिलते-डुलते दिखने के बाद कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस ने सवाल उठाए थे।

एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि मॉस्को के सेंट्रल क्लिनिकल हॉस्पिटल के सर्जन येवगेनी सेलिवानोव पुतिन से मिलने काला सागर स्थित पैलेस में कम से कम 35 बार जा चुके हैं। सेलिवानोव थायरॉयड कैंसर विशेषज्ञ हैं- इस कारण शंकाएं और बढ़ीं हैं।

एक महीने पहले से सुरक्षा जांच

आपको बता दें कि पुतिन की सुरक्षा का जिम्मा SBP- Presidential Security Service के पास है। पुतिन के किसी भी देश में दौरे से एक महीने पहले ही SBP अपनी एडवांस टीम भेज देती है, जिसमें रूस की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियां FSB और SVR के अधिकारी शामिल होते हैं। यह टीम देश के क्राइम रेट, आतंकवादी गतिविधियों, राजनीतिक आंदोलनों और होटल आदि के बारे में जानकारियां जुटाती है।

पुतिन जिस कमरे में रुकते हैं, उसमें मौजूद साबुन, शैंपू, हैंडवॉश, टूथपेस्ट तक हटा दिए जाते हैं और रूस से लाए हुए सामान रखे जाते हैं।

पुतिन मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते। उनके कमरे में एक सुरक्षित कम्युनिकेशन बूथ लगाया जाता है, जिससे दुनिया भर से एन्क्रिप्टेड संवाद हो सके।

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पुतिन का एयरफोर्स कॉनवॉय

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क्रेमलिन स्थित नोवो-ओगारियोवो आवास से पुतिन ऑरस सीनेट कार में निकलते हैं और वनुकोवो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचते हैं। जिस विमान में वे सवार होते हैं, उसके साथ एक-दो बैकअप प्लेन भी उड़ान भरते हैं। अगर विदेश में विमान में तकनीकी दिक्कत हो जाए तो पुतिन दूसरे विमान में शिफ्ट हो जाते हैं।

किसी भी स्थिति में स्थानीय टेक्नीशियन उनके विमान को छू भी नहीं सकते। 2023 में सऊदी अरब और UAE यात्रा के दौरान चार Sukhoi-35 जेट्स ने पुतिन के विमान को एस्कॉर्ट किया था।

बेहद खास है कार ऑरस सीनेट

पुतिन कार ऑरस सीनेट में चलते हैं। यह कार 2018 से पुतिन की आधिकारिक स्टेट कार है। इसे ऑरस मोटर्स और NAMI ने मिलकर डिज़ाइन किया है। इसमें छह सेमी मोटे बुलेटप्रूफ कांच होते हैं। ग्रेनेड और केमिकल अटैक प्रूफ बॉडी होती है। इमरजेंसी ऑक्सीजन सिस्टम लगा हुआ है।

फायर सप्रेशन सिस्टम, इमरजेंसी एग्जिट, कमांड मॉड्यूल से आदेश देने की क्षमता जैसी सुविधाएं भी हैं। यह 249 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है। साथ ही यदि कार के चारों टायर पंचर भी हो जाते हैं, तब भी यह चल सकती है। गाड़ी के अंदर मिनी फ्रिज, रिक्लाइनिंग सीटें और फोल्डेबल टेबल हैं।

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क्रेमलिन का शेफ भी सैनिक

पुतिन के पहुंचने से पहले टीम होटलों में अलग से विशेष लिफ्ट लगवाती है, जिसका उपयोग केवल क्रेमलिन शेफ करता है।
खाना बनाने के लिए लाए जाने वाला सामग्री रूस में ही सुरक्षा जांच के बाद पैक की जाती है। पुतिन का शेफ आर्मी ट्रेनिंग प्राप्त होता है, इमरजेंसी हैंडलिंग, शार्प शूटिंग और सुरक्षा प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित।

क्या पुतिन बॉडी डबल्स भेजते हैं?

यूक्रेन के मिलिट्री इंटेलिजेंस प्रमुख किरिलो बुडानोव दावा कर चुके हैं कि पुतिन ने युद्ध के बाद बॉडी डबल्स का इस्तेमाल बढ़ाया है। जापान के शोधकर्ताओं ने 2023 में AI आधारित चाल-ढाल, चेहरे की गतिशीलता और आवाज का विश्लेषण कर कहा कि पुतिन के स्थान पर किसी हमशक्ल के इस्तेमाल की एक संभावना मौजूद है। हालांकि क्रेमलिन इन दावों को नकारता है।

पुतिन ने खुद 2020 के इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि 2000 के दशक में चेचन युद्ध के दौरान उन्हें बॉडी डबल रखने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।

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