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Photograph: (the sootr)
भारत रूस संबंधों और व्यापार को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ टेरर के बीच पुतिन जल्द भारत का दौरा कर सकते है। वे भारत और रूस के बीच रणनीतिक और कूटनीतिक रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर आएंगे। यह यात्रा दिसंबर 2025 के आखिरी सप्ताह में हो सकती है। यूक्रेन युद्ध के बाद उनका पहला भारत दौरा होगा।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने इस दौरे की पुष्टि की है। वह हाल ही में रूस की यात्रा पर थे और उन्होंने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से विस्तृत बातचीत की।
भारत और रूस के बढ़ते रणनीतिक रिश्ते
भारत और रूस के बीच सैन्य और कूटनीतिक सहयोग का इतिहास बेहद पुराना व मजबूत रहा है। हाल के वर्षों में दोनों देशों ने आपसी साझेदारी को और भी मजबूत किया है। विशेष रूप से रक्षा, ऊर्जा और तकनीकी क्षेत्रों में, इन दोनों देशों ने अपनी साझेदारी को बढ़ाया है।
अजित डोभाल की रूस यात्रा के दौरान इस बात का संकेत मिला कि राष्ट्रपति पुतिन जल्द ही भारत का दौरा कर सकते हैं। पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रिश्तों की गर्माहट को देखते हुए, इस दौरे का महत्व और भी बढ़ जाता है।
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2021 में हुआ था पुतिन का भारत दौरा
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछली बार दिसंबर 2021 में भारत का दौरा किया था। उस समय, उन्होंने चार घंटे के लिए भारत यात्रा की थी और इस दौरान भारत और रूस के बीच 28 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इन समझौतों में सैन्य, रक्षा, और तकनीकी सहयोग पर जोर दिया गया था।
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 2025 तक आपसी व्यापार को 30 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। अब जबकि वैश्विक राजनीति में काफी बदलाव हो चुका है, पुतिन की यह नई यात्रा भारत और रूस के रिश्तों को एक नया दिशा दे सकती है।
ऐसे समझें रूसी राष्ट्रपति की संभावित यात्रा भारत यात्रा कोपुतिन का भारत दौरा: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर 2025 में भारत का दौरा करेंगे, जो यूक्रेन युद्ध के बाद उनकी पहली यात्रा होगी। भारत-रूस संबंधों की मजबूती: दोनों देशों के बीच सैन्य, रक्षा, ऊर्जा और व्यापारिक सहयोग को और बढ़ाने की दिशा में यह यात्रा महत्वपूर्ण होगी। 100 अरब डॉलर का व्यापार लक्ष्य: भारत और रूस के बीच व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य है, जो पहले 60 अरब डॉलर था। मोदी-पुतिन की बढ़ती मित्रता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच मजबूत रिश्ते भारत-रूस संबंधों को नई दिशा देंगे। पुतिन पर ICC वारंट: अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) द्वारा पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के बावजूद, भारत यात्रा संभव हो रही है। |
100 अरब डाॅलर व्यापार का लक्ष्य
पुतिन के 2021 के दौरे में भारत-रूस का आपसी व्यापार 30 अरब डाॅलर पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे अब प्राप्त कर लिया गया है। वर्तमान में यह आंकड़ा लगभग 60 अरब डॉलर के आस-पास है। पुतिन के प्रस्तावित आगामी दौरे पर दोनोें देश अब सौ अरब डाॅलर व्यापार लक्ष्य पर चर्चा कर सकते है। इसे लेकर नए प्रस्तावों पर भी काम किया जा रहा है।
भारत के ऊर्जा क्षेत्र में रूस की भूमिका भी बढ़ी है। रूस से तेल आयात में भारत अब दूसरे सबसे बड़े देश के रूप में उभरा है। 2023 तक भारत ने रूस से प्रतिदिन 20 लाख बैरल तेल आयात करना शुरू कर दिया था।
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अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद पुतिन करेंगे भारत दौरा
पुतिन के लिए यह भारत दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि मार्च 2023 में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने उनके खिलाफ युद्ध अपराधों के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बाद से पुतिन ने अपने अंतरराष्ट्रीय यात्राओं से दूरी बनाई है।
हालांकि, भारत में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन और ब्राजील में हो रहे सम्मेलन में पुतिन के नहीं आने से उनके भारत दौरे को लेकर सवाल उठाए गए थे, लेकिन अब यह दौरा भारत-रूस रिश्तों के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है।
मोदी और पुतिन के बीच बढ़ती मित्रता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रुस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच मजबूत और लगातार बढ़ती मित्रता भारत-रूस संबंधों में नए मोड़ की दिशा में मददगार साबित हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 में रूस की दो बार यात्रा की थी, पहली बार जुलाई में और फिर अक्टूबर में BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान वे रुस गए थे।
अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के दबाव का देंगे जबाव
राजनीतिक व विदेश मामलों के जानकारों के अनुसार अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए जा रहे टैरिफ और दबावों के बीच पुतिन का प्रस्तावित दौरा बेहद अहम हो जाता है। दोनों बडे़ देश मिलकर अमेरिकी दबाव का जबाव दे सकते है। पुतिन के इस दौरे से अमेरिका को कड़ा मैसेज भी जाएगा।
रुस से तेल खरीदने से खफा हैं ट्रंप
भारत द्वारा यूक्रेन युद्ध के बाद से ही रूस से अपनी जरूरत का 40 फीसदी क्रूड आयल रूस से खरीदा जा रहा है। रूस भी भारत को बाजार भाव से कम कीमत पर यह तेल दे रहा है। भारत के रूस से तेल खरीदी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काफी खफा हैं। वे भारत को कई बार रूस से तेल खरीदी न करने की मांग कर चुके है, लेकिन भारत ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है।
भारत के इंकार से अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर एक सप्ताह में दो बार टैरिफ बढ़ाने की घोषणा कर दी है। पहले उन्होंने एक अगस्त से भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी, जिसे 6 अगस्त को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया।
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