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Photograph: (the sootr)
भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारतीय सेना को अमेरिका से तीन अत्याधुनिक अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर मिल गए हैं। ये हेलिकॉप्टर लगभग एक साल की देरी के बाद गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर पहुंचे हैं।
पहले ये हेलिकॉप्टर मई-जून, 2024 तक भारत आने थे, लेकिन अब ये देश की सीमा पर तैनाती के लिए तैयार हैं। 2020 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आए थे, तब 6 अपाचे हेलिकॉप्टर्स खरीदने के लिए 600 मिलियन डॉलर में सौदा हुआ था।
अटैक हेलिकॉप्टर की तैनाती जोधपुर में
सूत्रों के अनुसार, इन हेलिकॉप्टरों को जोधपुर में तैनात किया जाएगा, जो पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा के नजदीक स्थित है। इससे भारतीय सेना की आक्रामक क्षमता को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा। यह हेलिकॉप्टर सेना के टोही अभियानों में भी बड़ी भूमिका निभाएंगे, जिससे सुरक्षा और तेजी से प्रतिक्रिया देने की क्षमता बढ़ेगी।
नाइट विजन और कम्युनिकेशन सिस्टम
अपाचे हेलिकॉप्टर अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं, जिनमें नाइट विजन नेविगेशन सिस्टम (Night Vision Navigation System) और सटीक टारगेटिंग सिस्टम (Targeting System) शामिल हैं। ये हेलिकॉप्टर दिन-रात, हर मौसम में लक्ष्य को पहचानने और उसे नष्ट करने में सक्षम हैं। इसके अलावा, इन हेलिकॉप्टरों में अत्याधुनिक कम्युनिकेशन, नेविगेशन और सेंसर सिस्टम भी दिए गए हैं, जो उन्हें बेहद प्रभावी बनाते हैं।
हेलिकॉप्टर की गति और ऑपरेशनल रेंज
अपाचे हेलिकॉप्टर की अधिकतम स्पीड 300 किमी प्रति घंटा है और इसकी ऑपरेशनल रेंज 480-500 किमी के बीच है। यह हेलिकॉप्टर एक बार उड़ान भरने के बाद लगभग तीन घंटे से अधिक उड़ान भर सकता है, जिससे यह लंबे समय तक महत्वपूर्ण इलाकों की निगरानी करने के लिए सक्षम होता है। भारतीय वायुसेना की पहले से मौजूद दो अपाचे स्क्वाड्रन पठानकोट और जोरहाट में ऑपरेशनल हैं।
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स्ट्रिंगर और हेलफायर मिसाइल सिस्टम
अपाचे हेलिकॉप्टर में लगे हेलफायर मिसाइल (Hellfire Missile) सिस्टम और स्ट्रिंगर मिसाइल (Stinger Missile) इसे युद्ध में अत्यधिक सक्षम बनाते हैं। हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल बख्तरबंद वाहनों, टैंकों और लेजर-गाइडेड मिसाइलों को नष्ट करने में किया जाता है, जबकि स्ट्रिंगर मिसाइल हवा से हवा में मार करने की क्षमता रखती है। इससे युद्ध के दौरान तेजी से जवाबी कार्रवाई संभव हो पाती है।
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