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Photograph: (the sootr)
राजस्थान में इस समय मानसून का दौर काफी भयावह बना हुआ है। जोधपुर और अन्य रेगिस्तानी जिलों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जोधपुर में 7 इंच तक बारिश हुई है, जिससे दो पुराने बांध टूट गए और कई गांवों का संपर्क टूट गया है। इसके साथ ही राज्य में कई लोगों की मौतें भी हुई हैं। इस दौरान बाढ़-बारिश के कारण बीते 24 घंटे में राज्य में 7 लोगों की मौत हो गई।
राजस्थान में भारी बारिश का असर
राजस्थान में बारिश ने इस मानसून जबरदस्त तबाही मचाई है। खासतौर पर बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। जोधपुर जिले के बालेसर क्षेत्र में बारिश के कारण दो बांध टूट गए। इस स्थिति ने न केवल जनजीवन को अस्तव्यस्त किया, बल्कि कई हादसों को भी जन्म दिया।
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जोधपुर में 7 इंच बारिश से टूटे दो बांध
जोधपुर में हुई भारी बारिश ने पूरी व्यवस्था को अस्तव्यस्त कर दिया। शेरगढ़ में 40 साल पुराना बांध टूटने के बाद बांध का पानी 10 किलोमीटर दूर के खेतों और ढाणियों में भर गया। प्रशासन ने तुरंत वहां फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसके अलावा, बालेसर में स्थित 20 साल पुराना अमृतनगर बांध भी टूट गया, जिससे आसपास के घरों और खेतों को भारी नुकसान हुआ।
ऐसे समझें राजस्थान में अब तक बाढ़-बारिश की स्थिति को...
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राजस्थान में अब तक तीस की मौत
बीते एक पखवाडे़ से राजस्थान में हो रही भारी बारिश के चलते अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 24 घंटे में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अलग-अलग घटनाओं में सात लोगों ने अपनी जान गवाई। किशनगढ के तालाब में एकसाथ चार युवतियां डूब गई। इसी तरह सवाई माधोपुर, टोंक, और अन्य क्षेत्रों में भी कई लोग बाढ़ के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।
राजस्थान में बाढ़ के हालात से एक सप्ताह के भीतर 25 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सभी प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं।
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बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र
अजमेर, पुष्कर, सवाई माधोपुर, और पाली जैसे क्षेत्र बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। नदियाँ और नाले ओवरफ्लो हो गए हैं, जिसके कारण गांवों का संपर्क भी कट गया है। कई घरों में पानी भर गया, और लोग राहत शिविरों में स्थानांतरित हो गए हैं।
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दुगारी गांव में बाढ़ की स्थिति
बूंदी जिले के नैनवां उपखंड के दुगारी गांव में कनकसागर बांध का पानी गांव में घुस गया, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गांव का मुख्य बाजार, गलियां और गांव से बाहर जाने के सभी रास्ते जलमग्न हो गए हैं। 40 वर्षीय मोहन गोस्वामी रात में तेज बहाव में बह गए, जिनका अभी तक पता नहीं चल पाया है। गांव के 50 से अधिक मकानों में पानी भर गया है, लोग अपने छोटे बच्चों के साथ मकानों की छतों पर शरण लिए हुए हैं।
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तीन दिन बाद मिली राहत
कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ जिलों में लगातार तीन दिन से हो रही भारी बारिश के बाद शनिवार को लोगों को राहत मिली। मौसम विभाग ने शनिवार को रेड अलर्ट जारी किया था। इस कारण जिला प्रशासन ने स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की छुट्टी कर दी थी। हालांकि, शनिवार सुबह जब लोग जागे, तो आसमान साफ नजर आया और बारिश थम गई।
पांचना बांध के गेट खोले गए
करौली जिले में भी लगातार बारिश का दौर जारी है। अब तक 547.7 एमएम बारिश हो चुकी है। बारिश के कारण पांचना बांध में पानी की भारी आवक हुई, जिसके चलते रात को चार गेट खोलकर पानी की निकासी की गई। पहले एक गेट से 450 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा था, लेकिन जब पानी की आवक बढ़ी, तो चार गेट खोलकर 17,496 क्यूसेक पानी की निकासी की गई। सुबह के समय पानी की आवक कम होने पर दो गेट बंद कर दिए गए और पानी की निकासी की मात्रा फिर से 450 क्यूसेक कर दी गई।
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आज से 7 दिन राहत की उम्मीद
राजस्थान मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के पूर्वी हिस्से में चल रहा बाढ़-बारिश का दौरान रविवार से थमना प्रारंभ हो जाएगा। इस हिस्से में बना कम दबाव का क्षेत्र अब कमजोर पड़ने लगा है। जिससे आगामी 28-29 जुलाई तक प्रदेश में मानसून कमजोर पडेगा। 29 जुलाई से एकबार फिर प्रदेश में तेज बारिश का दौर आने की संभावनाएं मौसम विभाग जता रहा है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी से उठ रहे वेदर सिस्टम ने राज्य में लगातार बारिश को बढ़ावा दिया, लेकिन अब बारिश की गतिविधियाँ धीमी पड़ने वाली हैं।
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