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संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर पर बिजली विभाग की टीम भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंची, और यहां बिजली का मीटर लगाने का काम शुरू हुआ। इस घटना ने प्रदेश में चर्चा का माहौल बना दिया, खासतौर पर बिजली चोरी के मामलों को लेकर। हालांकि, इस छापेमारी में किसी प्रकार की चोरी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुलिस और प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। बिजली मीटर लगाते वक्त तैनात पुलिस फोर्स की उपस्थिति और संबंधित क्षेत्रों में बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर यह मामला और भी पेचीदा हो गया है।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर पर बिजली मीटर लगाने के लिए जब बिजली विभाग की टीम पहुंची, तो उनके साथ एएसपी और सीओ अनुज चौधरी के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया। एएसपी ने बताया कि यह सुरक्षा व्यवस्था कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है, क्योंकि इस इलाके में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर पहले कई घटनाएं हो चुकी हैं।
जब एएसपी से पूछा गया कि क्या यह बिजली चोरी से जुड़ा मामला था, तो उन्होंने कहा कि इस पर विभाग ही स्पष्ट जानकारी दे सकता है। हालांकि, पुलिस अधिकारी ने यह जरूर बताया कि दीपा सराय इलाके में कानून व्यवस्था के मामले में कई घटनाएं हो चुकी हैं, इसलिए सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हुई।
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संभल जिले में बिजली चोरी के 1200 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। पिछले कुछ समय में कई मस्जिदों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर चोरी-छिपे ट्रांसमीटर लगाए गए थे, जिससे स्थानीय घरों में बिजली सप्लाई हो रही थी। इसके अलावा, बिजली विभाग की टीम ने कई जगहों पर छापेमारी की थी, जिससे यह साफ हुआ कि चोरी के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है।
संभल में बिजली चोरी की चेकिंग के दौरान 46 साल से बंद एक मंदिर भी मिला, जहां से चोरी-छिपे बिजली सप्लाई की जा रही थी। इस मंदिर के मिलते ही 1978 के दंगों का जिक्र भी शुरू हो गया, जिसमें 184 हिंदू समाज के लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला गया था और उन्हें पलायन करने को मजबूर किया गया था। यह घटना आज भी इलाके में गहरे घाव की तरह महसूस की जाती है।