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Delhi. संयुक्त किसान मोर्चा एक बार फिर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहा है। इस बार मार्चा युवाओं को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा। मोर्चे ने आज से अग्निपथ योजना के खिलाफ संघर्ष करने का ऐलान कर दिया है। भारत सरकार की ओर से सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के खिलाफ आज से संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) और यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन देशव्यापी अभियान की शुरुआत कर रहे हैं. अग्निपथ योजना के विरोध में यह अभियान सात से 14 अगस्त तक चलेगा। किसान संगठन और पूर्व सैनिकों के फ्रंट ने अभियान के लिए बेरोजगार युवकों से हाथ मिलाया है। इन्होंने अग्निपथ योजना को राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security), भारतीय सेना (Indian Army), बेरोजगार युवाओं (Unemployed Youth) और किसान परिवारों के लिए विनाशकारी करार दिया है। किसान संगठन और पूर्व सैनिकों के मोर्चे का कहना है कि अग्निपथ योजना वापस लिए जाने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
किसान और पूर्व सैनिकों के मोर्चों की ये हैं उपलब्धियां
संयुक्त किसान मोर्चा में कई किसान संगठन शामिल हैं, जिनके एक साल से ज्यादा लंबे आंदोलन के कारण केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े थे। वहीं, यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन ने वन रैंक वन पेंशन के लिए 2600 दिनों तक लगातार संघर्ष किया था। अग्निपथ योजना के खिलाफ अभियान की जानकारी एक प्रेस वार्ता में दी गई। प्रेस वार्ता में कहा गया कि 7 से 14 अगस्त तक चयनित स्थानों पर जय जवान जय किसान सम्मेलन आयोजित कर यह अभियान चलाया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट और उनके साथियों ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना भारत की तीनों जल, थल और वायुसेना में चार साल के लिए युवाओं को भर्ती होने का मौका देती है। इसके तहत हर साल लगभग 40 से 45 हजार युवाओं को सेना में भर्ती करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना में भर्ती किए गए रंगरूटों को अग्निवीर कहा जाएगा। योजना की घोषणा के बाद से ही इसका व्यापक विरोध शुरू हो गया था। इसके चलते बीते दिनों देशभर में कई जगह हिंसक प्रदर्शन भी हुए।