सावन शिवरात्रि का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में शिव पूजन व जलाभिषेक करने से भक्त को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
आपको बता दें कि इस बार सावन की शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त यानी आज रखा जा रहा है। 3 अगस्त शनिवार को शिवरात्रि के व्रत का पारण किया जाएगा। आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त…
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त यानी आज दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 3 अगस्त यानी कल दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर होने वाला है। वहीं उदया तिथि के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त यानी आज रखा जाएगा।
पूजन मुहूर्त
- प्रथम पहर की पूजा- शाम 7 बजकर 11 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 49 मिनट तक
- द्वितीय पहर की पूजा- रात 9 बजकर 49 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 27 मिनट तक ( 3 अगस्त )
- तीसरे पहर की पूजा- रात 12 बजकर 27 मिनट से लेकर रात 3 बजकर 06 मिनट तक ( 3 अगस्त )
- चौथे पहर की पूजा- रात 3 बजकर 06 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 44 मिनट तक ( 3 अगस्त )
सावन शिवरात्रि पर शुभ योगों का निर्माण
आपको बता दें कि इस बार सावन शिवरात्रि बहुत ही खास मानी जा रही है। दरअसल इस दिन कई सारे शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है। इसी के साथ आज वज्र योग, हर्ष योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है।
आपको बता दें कि सर्वार्थ सिद्धि योग भी आज सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होने वाला है और समापन 3 अगस्त यानी कल सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर होगा।
पूजन विधि
सावन शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करें। इसके बाद सफेद वस्त्र धारण करके शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और 'ऊं नम: शिवाय' का जाप करें।
इसके अलावा शिव पुराण में सावन शिवरात्रि में चारों पहर में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का विधान भी दिया हुआ है। इसके अनुसार सुबह गंगाजल से, दोपहर में दूध से, शाम को दही और रात में शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इस दिन व्रत करने वालों को शिव पुराण या शिवाष्टक का पाठ अवश्य करना चाहिए। पूजा का समापन शिव आरती के साथ करें।
जलाभिषेक करने की विधि
सावन शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। इस दिन शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करने के बाद बेलपत्र अर्पित करना चाहिए।
शिवलिंग पर अब धतूरा, भांग, चंदन, अक्षत व पुष्प आदि चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शिव के समक्ष दीपक जलाएं। अब शिव चालीसा का पाठ करें और आखिरी में भगवान शिव की आरती करें।
शिवरात्रि पर क्या न करें
- सावन शिवरात्रि के दिन गेहूं, चावल, दाल या फिर कोई अन्य साबुत अनाज ना खाएं।
- तामसिक भोजन जैसे लहसुन प्याज ना खाएं।
- सावन शिवरात्रि के दिन मांस मदिरा का बिल्कुल भी सेवन न करें।
- शिवलिंग पर केतकी, सिंदूर, रोली, कुमकुम ना चढ़ाएं।
- भोलेनाथ की पूजा में कभी भी तुलसी की पत्तियां शामिल न करें।
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