Sawan Somvar : देवों के देव महादेव को जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता के रूप में जाना जाता है। महादेव बहुत जल्दी खुश भी हो जाते हैं। यही कारण है कि उनका कोई भक्त उनके दरबार से निराश होकर नहीं जाता। देवों के देव कहलाने वाले महादेव की पूजा के लिए सावन के तीसरा सोमवार सबसे ज्यादा शुभ और फलदायी माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की कृपा बरसती है। यदि महादेव की विधि-विधान से पूजा की जाए और उसमें भगवान शिव की प्रिय चीजें चढ़ाईं जाएं तो महादेव खुश होकर मनचाहा वर दे सकते हैं।
इन वस्तुओं को चढ़ाने से प्रसन्न होंगे भोले भंडारी
रुद्राक्ष
रुद्राक्ष को भगवान शिव का महाप्रसाद माना जाता है। इसकी उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी, जिसे सावन सोमवार की पूजा में अर्पित करने और प्रसाद के रूप में ग्रहण करने पर व्यक्ति को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति कर सकता है।
बेल पत्र
शिव भगवान को बेल पत्र बहुत प्रिय है। शिव शंकर की पूजा में इसे चढ़ाने से शिव के भक्तों को उनका शीघ्र ही आशीर्वाद मिलता है। सनातन परंपरा में बेलपत्र की तीन पत्तियों में से एक को रज, दूसरे को सत्व और तीसरे को तमोगुण का प्रतीक माना गया है।
दूध और दही
सावन सोमवार के दिन भगवान शिव को दूध से अभिषेक करने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है, वहीं दही चढ़ाने से शिव भक्त के जीवन में हमेशा खुशियां और सुख-समृद्धि मिलती है।
भस्म
भगवान शंकर की पूजा में भस्म धार्मिक महत्व भी होता है। भस्म को शिव का वस्त्र माना गया है, जिसे वे अपने पूरे शरीर पर लपेटे रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार सृष्टि के अंत में उसी राख के रूप में परिवर्तित हो जाती है, जिसे महादेव अपने शरीर में धारण किए रहते हैं। एक दिन यह पूरी सृष्टि भगवान शिव में राख के रूप में विलीन हो जाती है। मान्यता है कि सावन सोमवार के दिन भगवान शिव को भस्म चढ़ाने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है।
सावन सोमवार व्रत और मुहूर्त 2024
सावन के तीसरे सोमवार को शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, जो शाम 06:03 तक रहेगी फिर द्वितीया तिथि लग जाएगी। इस दिन व्यतीपात और वरीयान योग भी रहेगा। साथ ही आश्लेषा और मघा नक्षत्र भी रहेगा।
सावन सोमवार पूजा विधि
- सावन के तीसरे सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- पूजा की शुरूआत शिवजी के अभिषेक के साथ करें, इसके बाद भगवान को सफेद चंदन का तिलक लगा लें।
- इसके बाद फूल, फल और मिष्ठान का भोग लगाकर धूप-दीप जलाएं और फिर शिव मंत्रों का जाप करें।
- सावन सोमवार की व्रत कथा पढ़ें और आखिर में भगवान शिव की आरती करें।
शिव मंत्र
- ॐ नमः शिवाय॥
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
- उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
- ॐ नमो भगवते रूद्राय।
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
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