NEW DELHI. केंद्र सरकार की तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ स्कीम को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना है और अदालत ने इस योजना के खिलाफ दायर दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है। साथ ही टिप्पणी की है कि सॉरी, हम हाईकोर्ट के फैसले में दखल नहीं दे सकते हैं। यहां बता दें, इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले ही अग्निपथ स्कीम को सही ठहराया था।
फरवरी में हाईकोर्ट ने योजना को देशहित में बताया था
केंद्र सरकार द्वारा तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना है। अदालत ने इस योजना के खिलाफ दायर दो अर्जियों को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। इससे पहले फरवरी में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस योजना पर मुहर लगाई थी, जिसके बाद कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। यही नहीं अदालत ने कहा कि अग्निपथ स्कीम की लॉन्चिंग से पहले चुने गए अभ्यर्थियों के पास नियुक्ति का अधिकार नहीं है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि यह भर्ती योजना देशहित में है। इससे सेनाओं की तैयारी बेहतर हो सकेगी।
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अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर मुहर लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने भी अब हाई कोर्ट के उस फैसले पर मुहर लगा दी है। अदालत ने कहा, 'सॉरी, हम हाई कोर्ट के फैसले में दखल नहीं दे सकते। हाईकोर्ट ने सभी पहलुओं पर विचार किया है।' इसके साथ ही अदालत ने गोपाल कृष्ण और एडवोकेट एमएल शर्मा की याचिकाओं को खारिज कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय वायुसेना में अग्निपथ स्कीम के जरिए भर्ती को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर सुनवाई करने का फैसला लिया है। इस मसले पर बेंच 17 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
इस नई अर्जी पर केंद्र सरकार से भी सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है। उसके जवाब के बाद ही सुनवाई की जाएगी। गौरतलब है कि बीते साल ही रक्षा मंत्रालय की ओर से सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम लॉन्च की थी। इस स्कीम के जरिए निचले स्तर पर सेनाओं में भर्ती की जाएगी। इस योजना के तहत 4 साल का कार्यकाल होगा और एग्जिट के बाद अर्धसैनिक बलों समेत तमाम विभागों और फोर्सेज में नौकरी के लिए आरक्षण दिया जाएगा।