भारत का फिर मिशन मंगल, वैज्ञानिकों ने खोज निकाले तीन क्रेटर्स... इनका नामकरण भी किया

भारत की फ‍िजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL) ने मंगल ग्रह पर ऐसे तीन क्रेटर खोज निकाले, जिनके बारे में अबतक कोई जानकारी नहीं थी। आइये जानते हैं क्यों है सुर्खियां में ये क्रेटर।

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Aparajita Priyadarshini
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भारत की राजनीति में वह पार्टी सबसे आगे रहती है, जिसका दबदबा यूपी-बिहार में होता है। लोकसभा चुनाव 2024 में इन दो राज्‍यों ने खूब सुर्खियां बटोरी। और अब ये अपना दम राजनीति से आगे साइंस और स्‍पेस में भी दिखा रहे हैं।

मंगल में तीन क्रेटर को खोजा गया है। लाल क्रेटर, मुरसान क्रेटर और हिल्सा क्रेटर। मुरसान नाम हाथरस जिले की नगर पंचायत मुरसान से मिलता है, जबकि हिल्‍सा एक सब डिविजन है जो बिहार के नालंदा जिले में है।

तीसरा नाम जो लाल क्रेटर है, वह भारत के जानेमाने जियोफ‍िजिसिस्‍ट और  फ‍िजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL)  के पूर्व निदेशक प्रोफेसर देवेंद्र लाल को समर्पित है। 

 

Mars Craters Named In Honour Of Physicist Devendra Lal And Towns Of Uttar  Pradesh, Bihar

 

थारिस ज्वालामुखी क्षेत्र में स्थित हैं ये क्रेटर

भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग की एक इकाई  फ‍िजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि तीन क्रेटर मंगल ग्रह के थारिस ज्वालामुखी क्षेत्र में स्थित हैं। थारिस मंगल ग्रह के पश्चिमी गोलार्ध में विशाल ज्वालामुखीय पठार है। 

लाल क्रेटर

65 KM चौड़े इस क्रेटर का नाम PRL के पूर्व निदेशक, प्रोफेसर देवेंद्र लाल के नाम पर रखा गया है। उनका जन्म भारत के वाराणसी में हुआ था। वह 1972 से 1983 के बीच PRL के डायरेक्टर थे। प्रोफेसर लाल की गिनती भारत के प्रमुख कॉस्मिक रे भौतिक वैज्ञानिकों में होती है।

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मुरसान क्रेटर

 10 KM चौड़ा यह क्रेटर लाल क्रेटर के पूर्वी रिम पर टिका हुआ है। इसे यह नाम उत्तर प्रदेश के एक कस्बे से मिला है, जहां PRL के वर्तमान निदेशक डॉ. अनिल भारद्वाज का जन्म हुआ था। डॉ. भारद्वाज देश के नामी प्लैनेटरी साइंटिस्ट हैं।

यह क्रेटर भी 10 KM चौड़ा है और लाल क्रेटर के पश्चिमी रिम पर ओवरलैप करता है। इसका नाम बिहार के एक कस्बे के नाम पर रखा गया है। हिलसा (बिहार) में ही PRL के एक और वैज्ञानिक डॉ. राजीव रंजन भारती का जन्म हुआ था। डॉ. रंजन भारतीय उस टीम का हिस्सा हैं, जिसने इन क्रेटर्स की खोज की है।

 

विज्ञानियों की खोज को भारत का सलाम, मंगल ग्रह पर मिले तीन गड्ढों को मिले यह  भारतीय नाम | Times Now Navbharat

हिलसा क्रेटर

यह क्रेटर भी 10 KM चौड़ा है और लाल क्रेटर के पश्चिमी रिम पर ओवरलैप करता है। इसका नाम बिहार के एक कस्बे के नाम पर रखा गया है। हिलसा (बिहार) में ही PRL के एक और वैज्ञानिक डॉ. राजीव रंजन भारती का जन्म हुआ था। डॉ. रंजन भारतीय उस टीम का हिस्सा हैं, जिसने इन क्रेटर्स की खोज की है। मिशन मंगल |

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