कौन हैंं हिंडनबर्ग के आरोपों से घिरी सेबी चीफ माधबी पुरी

हिंडनबर्ग की ओर से शनिवार को जारी की गई रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा था कि माधबी और उनके पति धवल ने 5 जून 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना अकाउंट खोला था। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर SEBI चीफ माधबी पुरी बुच हैं कौन, तो आइए जानते हैं।

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Dolly patil
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अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में अडानी ग्रुप और SEBI चीफ माधबी पुरी बुच के बीच कनेक्शन होने का दावा किया है। जारी की गई इस रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल ( Adani Money Siphoning Scandal ) में हुआ उसमें SEBI अध्यक्ष की भी  हिस्सेदारी थी।

हालांकि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच ( Madhabi Puri Buch ) ने इन आरोपों का खंडन किया है। इसी के साथ उन्होंने कहा है कि फंड में उनका निवेश सेबी में शामिल होने से दो साल पहले ही किया गया था। अब आप ये सोच रहे होंगे कि इन आरोपों से घिरी माधबी पुरी आखिर कौन हैं तो आइए जानते हैं। 

सेबी चीफ माधबी पुरी कौन हैं

माधबी पुरी भारत के मार्केट रेगुलेटर यानी सेबी की पहली महिला चेयरपर्सन हैं। वो सेबी से 1 मार्च 2022 से जुड़ी हुई है। आपको बता दें कि उन्होंने IIM अहमदाबाद से पढ़ाई की है और सेबी की सबसे कम उम्र की प्रमुख हैं।

इससे पहले वह सेबी की पूर्णकालिक सदस्य ( full time member ) रहीं थी। माधबी बाजार नियमन ( market regulation ) , निवेश प्रबंधन और आईटी संबंधित विभागों का कामकाज देखती थीं। रिपोर्ट के मुताबिक पुरी ने साल 1989 में ICICI बैंक के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इसी के साथ 1993 से 1995 के बीच माधबी पुरी ने इंग्लैंड के वेस्ट चेशायर कॉलेज में बतौर लेक्चरर का भी काम किया है। 

बतौर एडवाइजर भी किया काम

जानकारी के मुताबिक माधबी ने  2013 से 2017 तक ब्रिक्स देशों के समूह की ओर से बनाए गए न्यू डेवलपमेंट बैंक में बतौर एडवाइजर काम किया है। इसके बाद 2017 में उन्हें सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया था।

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2018 में उन्होंने सहारा ग्रुप के खिलाफ आदेश पारित किया था। इसके बाद साल 2022 में उन्होंने सेबी के अध्यक्ष के तौर पर अपना कार्यभार संभाला था। 

कब हुआ है माधबी पुरी का जन्म 

बता दें कि माधबी पुरी का जन्म 1966 में हुआ था।  माधबी बुच की स्कूलिंग मुंबई और दिल्ली में हुई है। इसके बाद उन्होंने डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज से मैथमेटिक्स की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने IMM अहमदाबाद से पढ़ाई की। आइए अब आपको उनके बारें में कुछ खास बातें बताते हैं। 

माधबी पुरी के बारे में खास बातें 

  • माधबी पुरी ने 1 मार्च 2022 को सेबी चीफ के रूप में कामकाज शुरू किया था। वो सेबी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला हैं। 
  • अपनी नियुक्ति के समय वह सेबी की प्रमुख बनने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति थीं।
  • निजी क्षेत्र का अनुभव: वह प्राइवेट सेक्टर से सेबी अध्यक्ष का सफर तय करने वाली पहली शख्स हैं।  इन्होंने देश-विदेश में कई प्राइवेट सेक्टर्स में काम किया है।
  • अध्यक्ष बनने से पहले माधबी सेबी में पूर्णकालिक सदस्य थीं, जहां उन्होंने बाजार विनियमन, निवेश प्रबंधन और आईटी जैसे महत्वपूर्ण विभागों का प्रबंधन किया था। 
  • बुच ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों या बैंकों में भी काम किया है, जिसमें शंघाई में न्यू डेवलपमेंट बैंक के सलाहकार के रूप में और ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल के सिंगापुर कार्यालय के प्रमुख के रूप में काम किया है।

कौन है माधबी के पति

माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच हैं। उनकी पहचान एक अनुभवी बिजनेसमैन के रूप में है। रिपोर्ट के मुताबिक धवल बुच मौजूदा समय में ब्लैक स्टोन और अल्वारेज एंड मार्सल में वरिष्ठ सलाहकार हैं। इसी के साथ वो गिल्डन के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं। 

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 Hindenburg ने क्या लगाए थे आरोप

हिंडनबर्ग की ओर से शनिवार यानी 10 अगस्त को जारी की गई रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा गया है कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से खुलासा होता है कि माधबी और उनके पति धवल ने 5 जून 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना अकाउंट खोला था।

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इसी के साथ इसमें दंपति का कुल निवेश 10 मिलियन डॉलर आंका गया है।  वहीं, हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी ग्रुप के एक निदेशक ने की थी और ये टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है। 

माधबी ने किया आरोपों का खंडन

बुच दंपती ने हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए  सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि  उन्होंने 2015 में 360 वन एसेट एंड वेल्थ मैनेजमेंट   ( One Asset and Wealth Management ) जो पहले आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट थी।

उसके द्वारा प्रबंधित आईपीई प्लस फंड 1 में निवेश किया था। यह निवेश उनकी तरफ से माधबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में SEBI जॉइन करने से दो साल पहले तब किया गया था। जब वो दोनों निजी नागरिक के रूप में सिंगापुर में रहते थे। 

इस बयान के मुताबिक इस फंड में निवेश करने का फैसला इसलिए लिया गया था क्योंकि मुख्य निवेश अधिकारी अनिल आहूजा स्कूल और आईआईटी दिल्ली से धवल के बचपन के दोस्त हैं। इसी के साथ सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन और 3i ग्रुप पीएलसी के पूर्व कर्मचारी के रूप में उनके पास कई दशकों का मजबूत निवेश करियर था। 

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