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Mumbai. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी ग्रुप के शेयरों के दाम गिरने के मामले में अब जाकर सेबी ने चुप्पी तोड़ी है। सेबी की ओर से बयान दिया गया है कि बीते सप्ताह में एक कारोबारी समूह के शेयरों में असामान्य रूप से उतार चढ़ाव देखा गया है। सेबी बाजार की अखंडता सुनिश्चित करने प्रतिबद्ध है। बयान में कहा गया कि हम ये चाहते हैं कि शेयर बाजार पारदर्शी और कुशल तरीके से काम करता रहे।
सेबी की ओर से शनिवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि हम बाजार के व्यवस्थित और कुशल कामकाज को बनाए रखने के इच्छुक हैं और खास शेयरों में अत्यधिक अस्थिरता दूर करने के लिए सार्वजनिक रूप से निगरानी की व्यवस्था भी मौजूद है। सेबी ने कहा है कि किसी भी शेयर की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव होने पर कुछ शर्तों के साथ निगरानी खुद ही चालू हो जाती है।
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दरअसल सेबी का बयान आरबीआई के बयान के बाद आया है जिसमें बैंकों की चिंताओं को दूर करते हुए कहा गया था कि देश की बैंकिंग प्रणाली लचीली और स्थिर बनी हुई है। उधर सेबी के इस बयान को तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ट्वीट किया। उन्होने लिखा है कि ऐसा लगता है कि सिर्फ सेबी को पता है कि जून 2021 से क्या कार्रवाई की गई है।
मोइत्रा ने लिखा है कि भारत के गौरव का रिप्रसेंटेशन किसी व्यक्ति की संपत्ति से नहीं होना चाहिए और सेबी के अधिकारियों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे आर्थिक क्षेत्र में किस तरह की भूमिका निभाते हैं। महुआ ने लिखा कि जब अमेरिका के शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने सेबी से पूछा कि उन्होंने मेरे सवालों का जवाब क्यों नहीं दिया, तो उन्होंने कहा कि वे जवाब देने के लिए अभी तक तार्किक निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। यह साल 2019 में मेरे सवालों के बारे में था।