यूपी के गाजियाबाद में गेम जीतने के लिए पढ़वाई जाती थीं आयतें और जाकिर नाइक की स्पीच, अब NIA करेगी जांच

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Sunil Shukla
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यूपी के गाजियाबाद में गेम जीतने के लिए पढ़वाई जाती थीं आयतें और जाकिर नाइक की स्पीच, अब NIA करेगी जांच

NEW DELHI. उत्तर प्रदेश (यूपी) के गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए धर्म परिवर्तन के चौंकाने वाले मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी। नाबालिग हिंदू लड़कों को ऑनलाइन गेम के जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराने के इस मामले में पाकिस्तान का एंगल सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने अब इसकी जांच एनआईए से कराने का फैसला किया है।



जिम जाने के बहाने घर से निकलकर मस्जिद में पढ़ता है नमाज



दरअसल, गाजियाबाद के रहने वाले एक नाबालिग लड़के के परिजन ने आरोप लगाया था कि उनका बेटा जिम जाने के बहाने घर से निकलता है। पिता ने जब उसका पीछा किया तो देखा कि वो स्थानीय मस्जिद में जाकर 5 बार नमाज पढ़ता है। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से की थी।



मौलवी की गिरफ्तारी से हुआ खुलासा



गाजियाबाद पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि बच्चे ने मुंबई के एक शख्स से ऑनलाइन गेम खरीदा था। वो शख्स इसके बाद से लगातार बच्चे के संपर्क में था और बच्चे का ब्रेन वॉश कर रहा था। वो बताता था कि दूसरे धर्मों की तुलना में इस्लाम में कितना अच्छा है और तुम्हें भी इसे अपनाना चाहिए। इस पर बच्चे के पिता ने जब उसे डांटा था, तो उसने कहा था कि वो घर छोड़कर चला जाएगा। वो मस्जिद में ही रह लेगा और इस बारे में उसकी मौलवी से बात भी हो चुकी है। मामले की जांच में पुलिस ने जब धीरे-धीरे कड़ी जोड़ी, तो गाजियाबाद के सेक्टर-23 की जामा मस्जिद कमेटी के सदस्य मौलवी अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को 2 दिन पहले गिरफ्तार किया गया। आरोपी नन्नी 2 साल पहले ही इस मस्जिद में आया था और यहां काम कर रहा था। उससे पूछताछ में पता चला है कि गिरोह का सरगना मुंबई के ठाणे का रहने वाला है। उसका नाम बद्दो है। साथ ही शाहनवाज नाम के दूसरे आरोपी को पकड़ने के लिए गाजियाबाद पुलिस ने महाराष्ट्र में कई जगह दबिश दी।



गेम जिताकर दिलाया जाता था आयतों पर भरोसा



जांच में पता चला कि इन किशोरों के साथ कुछ मुस्लिम लड़के नाम बदलकर ऑनलाइन गेम फॉरनाइट (fornite app) ऐप पर खेलते थे। गेम हारने पर उन्हें जीतने के लिए जाकिर नाइक की आयतें पढ़वाई जाती थीं, जिसके बाद उन्हें जिताकर आयतों पर भरोसा दिलाया जाता था। इसके बाद discord app के माध्यम से मुस्लिम लड़के यूजर आईडी बनाकर हिंदू लड़कों से चैट करते थे, बहला-फुसलाकर उन्हें इस्लामी रीति-रिवाज अपनाने के लिए कथित मुस्लिम धर्मगुरू जाकिर नाइक की स्पीच दिखाते और इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करते थे।



नाबालिग हिंदू लड़कों को फंसाता था रहमान



पुलिस की पूछताछ में मौलवी अब्दुल रहमान ने कबूल किया कि वो इस्लाम का प्रचार-प्रसार करता है। नाबालिग हिंदू लड़कों को अपने जाल में फंसाता है। जब वो इस्लाम अपनाने के लिए तैयार हो जाते थे तो फिर शुरू होता था धर्म बदलवाने का खेल। पुलिस की मानें तो आरोपी अब्दुल ने खुलासा किया है कि वो गैर-मुस्लिम लड़कों को इस्लाम के बारे में जानकारी देता था। अब्दुल ने बताया कि उसकी जान-पहचान 1 साल पहले इलाके के 2 नाबालिग लड़कों से हुई थी। उसने कुबूल किया कि वो दोनों नाबालिग लड़कों को उनके धर्म के बारे में उकसा रहा था और इस्लाम को सबसे अच्छा बताकर उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा था। दोनों नाबालिग लड़के अब्दुल की बातों से प्रभावित हो गए और मस्जिद में नमाज पढ़ने आने लगे। पूछताछ में अब्दुल ने ये भी बताया कि एक लड़के के परिवार को जब इसकी जानकारी मिली तो वो पुलिस के पास शिकायत करने गए। अब्दुल को लगा कि वो पकड़ा ना जाए, इसलिए उसने अपने मोबाइल से सभी हिस्ट्री और चैट डिलीट कर दी।



देशभर में फैला है गिरोह का जाल



पुलिस को इनपुट मिले हैं कि इस गिरोह का जाल देशभर में फैला हुआ है। इसके बाद अब इस मामले की जांच में आईबी भी जुट गई है। वहीं इस खबर के बाद गृह मंत्रालय और यूपी सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। गाजियाबाद पुलिस से इस मामले पर पूरी जानकारी मांगी गई है। पुलिस अब ये जानने की कोशिश कर रही है कि ऑनलाइन गेम के जरिए नाबालिग बच्चों को धर्मांतरण का शिकार बनाने के गिरोह में कौन-कौन लोग शामिल हैं और अब तक ये कितनों को अपना शिकार बना चुके हैं।



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धर्मांतरण मामले में पाकिस्तान का एंगल



ऑनलाइन गेम के जरिए धर्मांतरण के इस मामले में पाकिस्तान का एंगल भी सामने आ गया है। पुलिस के मुताबिक पाकिस्तान से संचालित यूथ क्लब नाम का यूट्यूब चैनल इन बच्चों को दिखाया जाता था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी NCPCR ने केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और आईटी मंत्रालय को ऑनलाइन गेमिंग एप Fornite और Discord के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए कहा था। इसके साथ ही 10 दिनों के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट (एक्शन टेकन रिपोर्ट) मांगी है। बाल आयोग ने मंत्रालय को जवाब दिया कि गेमिंग एप फोर्टनाइट और डिस्कॉर्ड के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।


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