श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami ) का त्योहार 26 अगस्त यानी कल सोमवार के दिन मनाया जाएगा है। इस बार जन्माष्टमी पर जयंती योग का शुभ संयोग बन रहा है। सबसे शुभ मुहूर्त में भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करने से भक्तों को विशेष कृपा मिलेगी। पंडितों के मुताबिक इस दिन चंद्रमा वृषभ राशि में होंगे जैसा की भगवान कृष्ण के जन्म के समय संयोग बना है।
नोट कर लें पूजा का समय
जन्माष्टमी ( Janmashtami ) के दिन पूजा के लिए विशेष शुभ मुहूर्त है जिसमें पूजा करना लाभदायी है। सुबह 5 बजकर 56 मिनट से 7 बजकर 37 मिनट तक पूजा के लिए उत्तम समय है।
पूजा-विधि
जन्माष्टमी के दिन सबसे पहले जल्दी सुबह उठकर स्नान करें । इसके बाद में घर के अंदर बने मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान का जलाभिषेक करें। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा होती है। इसलिए लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें। इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाएं और लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।
क्या है जयंती योग
दरअसल अष्टमी तिथि मध्यकाल में होती है उसी दिन जन्माष्टमी का पर्व (festival of janmashtami ) मनाया जाता है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा का वृषभ राशि में होना बेहद ही शुभ फलदायी रहेगा। साथ में अगर जन्माष्टमी पर सोमवार या बुधवार हो जाए तो यह बहुत ही दुर्लभ संयोग बनाता है। जिसे जयंती योग भी कहते हैं।