NEW DELHI. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को लेकर एक किताब में बड़ा खुलासा किया गया है। पूर्व अल्पसंख्यक मंत्री और बीजेपी नेता नजमा हेपतुल्ला ने यह किताब लिखी है। राज्यसभा की पूर्व उपसभापति नजमा हेपतुल्ला ने सोनिया गांधी के साथ कथित मतभेदों के बाद कांग्रेस छोड़ दी थी और 2004 में बीजेपी में शामिल हो गई थीं। नजमा ने अपनी हाल ही में जारी आत्मकथा “इन परस्यूट ऑफ डेमोक्रेसी: बियॉन्ड पार्टी लाइन्स” में एक घटना का जिक्र किया है। उन्होंने किताब में लिखा है कि सोनिया गांधी ने फोन पर उन्हें 1 घंटे तक इंतजार कराया था।
बर्लिन से बड़ी खबर देने के लिए लगाया था फोन
नजमा हेपतुल्ला ने अपनी आत्मकथा में लिखा कि1999 में अंतर-संसदीय संघ (IPU) की अध्यक्ष चुने जाने के बाद मैंने बर्लिन से तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को यह खबर देने के लिए फोन लगाया। लेकिन उन्हें एक घंटे तक फोन लाइन पर रहना पड़ा, क्योंकि एक कर्मचारी ने उन्हें बताया कि “मैडम व्यस्त हैं”। हेपतुल्ला का कहना है कि IPU की अध्यक्षता एक ऐतिहासिक और बड़ा सम्मान था जो भारतीय संसद से विश्व संसदीय मंच तक की मेरी यात्रा का शिखर था।
अटलजी ने तत्काल फोन उठाया और बधाई दी
सबसे पहले उन्होंने बर्लिन से प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को फोन किया और उन्होंने तुरंत उनका फोन उठाया. उन्होंने अपनी किताब में लिखा “जब उन्होंने यह खबर सुनी तो वे बहुत खुश हुए, एक तो इसलिए कि यह सम्मान भारत को मिला था और दूसरा यह एक भारतीय मुस्लिम महिला को मिला था।” उन्होंने कहा कि आप वापस आएं और हम जश्न मनाएंगे। मैं उपराष्ट्रपति कार्यालय से भी तुरंत संपर्क कर सकती थी।
इंतजार के बाद भी सोनिया लाइन पर नहीं आईं
नजमा हेपतुल्ला ने किताब में लिखा कि हालांकि, जब कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष और मेरी नेता सोनिया गांधी को फोन किया तो उनके एक कर्मचारी ने पहले कहा ‘मैडम व्यस्त हैं।’ जब मैंने बताया कि मैं बर्लिन से अंतरराष्ट्रीय कॉल कर रही हूं, तो उन्होंने बस इतना कहा कि कृपया लाइन होल्ड करें। मैंने पूरे एक घंटे तक इंतजार किया, लेकिन सोनिया मुझसे बात करने के लिए कभी लाइन पर नहीं आईं। नजमा हेपतुल्ला ने किताब में आगे लिखा कि वह वास्तव में निराश थीं। उस कॉल के बाद मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया। आईपीयू अध्यक्ष पद के लिए अपना नाम आगे बढ़ाने से पहले मैंने उनकी अनुमति ली थी और उस समय उन्होंने अपना आशीर्वाद दिया था। अगर हर देश, संस्कृति और परिवार के अपने खास पल होते हैं, घटनाएं इतनी महत्वपूर्ण, किसी तरह इतनी व्यक्तिगत, कि वे दैनिक जीवन के सामान्य प्रवाह से परे होती हैं तो यह मेरे लिए एक ऐसा ही पल था। समय का एक ऐसा पल जो इतना महत्वपूर्ण था कि इसने मेरे मन में हमेशा के लिए अस्वीकृति की भावना पैदा कर दी।
राहुल गांधी ने भी हिमंता से नहीं की थी बात
2017 में राहुल गांधी ने हिमंता बिस्वा शर्मा को बात करने के लिए अपने घर बुलाया था। जबकि राहुल अपने घरेलू कुत्ते को बिस्किट खिलाते रहे और हिमंता से बात भी नहीं की। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हिमंत ने लिखा था कि उन्हें (राहुल गांधी) मुझसे बेहतर कौन जानता है। फिर भी आपको याद दिला दूं कि आप उसे (कुत्ते) बिस्कुट खिलाने में व्यस्त थे, जबकि हम आपसे असम के जरूरी मुद्दों पर चर्चा करना चाहते थे। उस दौरान हिमंत का वो ट्वीट मीडिया की सुर्खियां बना था और तब से वे राहुल गांधी को लेकर लगातार टिप्पणी करते रहे हैं। उन्होंने कई बार सार्वजनिक तौर पर राहुल गांधी को घमंडी कहा है।
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