NEW DELHI : चांद-मंगल मिशन के लिए बने दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप ( Rocket starship ) का चौथा टेस्ट सक्सेसफुल रहा। इसे आज यानी, 6 जून को टेक्सास के बोका चिका से शाम 6.20 बजे लॉन्च किया गया। इसमें स्टारशिप को स्पेस में ले जाने के बाद वापस पृथ्वी पर लाया गया और हिंद महासागर में कामयाब लैंडिंग कराई गई।
हिंद महासागर में करवाई सॉफ्ट लैंडिंग
इस बार के टेस्ट का मेन गोल यह देखना था कि स्टारशिप पृथ्वी के वातावरण में एंट्री के दौरान सर्वाइव कर पाती है या नहीं। स्टारशिप को बनाने वाली कंपनी स्पेसएक्स ( spacex ) ने X पर लिखा- पानी में लैंडिंग सक्सेसफुल रही। स्टारशिप के रोमांचक चौथे उड़ान परीक्षण के लिए पूरी स्पेसएक्स टीम को बधाई! वहीं इस टेस्ट के बाद कंपनी के मालिक इलॉन मस्क ने अपनी एक्स पोस्ट में कहा, 'कई टाइलों के नुकसान और एक डैमेज्ड फ्लैप के बावजूद स्टारशिप ने हिंद महासागर में सॉफ्ट लैंडिंग की पूरी राह तय कर ली! इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए स्पेसएक्स टीम को बधाई।'
रीयूजेबल है स्टारशिप सिस्टम
दुनिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को बनाया है। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी बूस्टर को कलेक्टिवली 'स्टारशिप' कहा जाता है। इस व्हीकल की ऊंचाई 397 फीट है। ये पूरी तरह से रीयूजेबल है और 150 मीट्रिक टन भार ले जाने में सक्षम है। स्टारशिप सिस्टम 100 लोगों को एक साथ मंगल ग्रह पर ले जा सकेगा।
1 घंटे 5 मिनट 48 सेकंड का था चौथा टेस्ट
यह मिशन 1 घंटे 5 मिनट 48 सेकंड का था। इस टेस्ट में स्टारशिप को स्पेस में ले जाया गया, फिर पृथ्वी पर वापस लाकर पानी पर लैंड कराया गया। यह एक रीयूजेबल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम है। स्टारशिप में 6 रैप्टर इंजन लगे हैं, जबकि सुपर हैवी में 33 रैप्टर इंजन है।
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