पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में मची भगदड़!

इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में भगदड़ मचने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घटना में कई महिलाएं गिर गईं और बुजुर्ग भीड़ में दब गए।

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Siddhi Tamrakar
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उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के दौरान भगदड़ मचने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया और भगदड़ मच गई। घटना में चार महिलाएं घायल होने की खबर आ रही है, जिन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह हादसा परतापुर के मैदान में कथा के एंट्री गेट पर हुआ, जहां भारी भीड़ जमा थी।

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शिव महापुराण कथा का आखिरी दिन

यह शिव महापुराण कथा पांच दिनों से चल रही थी और शुक्रवार को इसका आखिरी दिन था। बड़ी संख्या में भक्त कथा में शामिल होने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि एंट्री गेट पर भीड़ अचानक बढ़ गई, जिससे धक्का-मुक्की होने लगी। इस अव्यवस्था के कारण कई महिलाएं गिर पड़ीं, और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

भीड़ और धक्का-मुक्की से बिगड़े हालात

घटना उस समय हुई जब एंट्री गेट पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। शुरू में पुलिस की ओर से पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं थे, जिससे स्थिति और खराब हो गई। भगदड़ के दौरान महिलाओं ने घबराकर चीख-पुकार शुरू कर दी। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने तुरंत हालात को संभालने की कोशिश की और पुलिस को सूचना दी।

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घायलों की हालत स्थिर

घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सभी की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। इस हादसे में अभी तक किसी के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है। स्थानीय लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की और स्थिति सामान्य करने में सहयोग दिया।

एंट्री और एग्जिट गेट पर अव्यवस्था

शुरुआती जांच में पता चला है कि पंडाल में एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग गेट बनाए गए थे। हालांकि, भीड़ इतनी अधिक हो गई कि लोग एंट्री गेट का इस्तेमाल बाहर निकलने के लिए भी करने लगे। इस वजह से धक्का-मुक्की बढ़ी और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

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पुलिस ने संभाला मोर्चा

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और हालात पर काबू पाया। इस बीच, प्रशासन की ओर से अब तक घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, भीड़ नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं।

यह हादसा आयोजन स्थल पर बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करता है। प्रशासन को भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए और अधिक सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

इससे पहले भी हो चुका है हादसा

साल 2023 में सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम में शिव महापुराण कथा और रुद्राक्ष वितरण महोत्सव के दौरान भी अव्यवस्थाएं देखने को मिली थीं। इस आयोजन में करीब 10 लाख श्रद्धालु पहुंच गए थे। चमत्कारी रुद्राक्ष पाने के लिए भक्तों की लंबी कतारों में खड़े थे। उसी दिन दोपहर में धक्का-मुक्की होने के कारण महाराष्ट्र से आई 52 वर्षीय महिला मंगलबाई की मृत्यु हो गई थी। इस कार्यक्रम के चलते भोपाल-इंदौर हाईवे पर भीषण ट्रैफिक जाम हो गया था।

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